DBLIVE | 15 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

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  • DBLIVE | 11 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 11 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1987 में दुनिया की आबादी ने पांच अरब का आंकड़ा छुआ था। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र ने हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज के दिन को जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। भारत और चीन समेत दुनिया के कई विकासशील और विकसित देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं। विकासशील देश अपने लोगों की ज़रूरतों और उपलब्ध संसाधनों के बीच सामंजस्य बिठाना चाहते हैं, तो विकास की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश में लगे देशों के लिए आबादी का तेज़ी से बढ़ना बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। इस दिन संयुक्त राष्ट्र बढ़ती जनसंख्या से पैदा होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जागरुक करने की कोशिश करता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं। भारत ने अपनी तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या की दर कम करने के लिए जल्द ही कुछ ठोस कदम नहीं उठाएं तो 2030 तक वह विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला राष्ट्र बन जाएगा।

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  • DBLIVE | 12 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 12 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    -1909 में हिन्दी फ़िल्मों के महान फ़िल्म निर्देशक बिमल राय का जन्म पूर्व बंगाल यानी बांग्लादेश में हुआ था। एक जमींदार परिवार में जन्मे बिमल ने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता के न्यू थियेटर स्टूडियों में एक कैमरामैन के रूप में की थी । बिमल सन् 1935 में केएल सहगल की फ़िल्म देवदास के सहायक निर्देशक थे। सिनेमा तकनीक पर उनकी मज़बूत पकड़ थी, जिससे उनकी फ़िल्में दर्शकों को प्रभावित करती हैं और दर्शकों को अंत तक बांधकर रखने में सफल रहती हैं। फिल्म 'बैंगल फैमिन' से उन्होंने बतौर निर्देशक अपने कैरियर की शुरुआत की, पर सन् 1953 में आई फिल्म 'दो बीघा जमीन' ने पूरे विश्व के फिल्म जगत में एक अलग ही मुकाम दिलवाया। बिमल के निर्देशन में बनी फिल्में सुजाता ,मधुमती, परिणीता ,बिराज बहू और काबुलीवाला ने लोगों के दिलों में एक अलग छाप छोड़ने में कामयाब रहीं। ग्यारह फिल्मफेयर अवार्ड और छह राष्ट्रीय अवार्ड जीतना ही किसी फिल्म निर्देशक की प्रतिभा का परिचायक होता है, पर बिमल राय ऐसे निर्देशक थे मानो अवार्ड उनके लिए ही बने हों।

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  • DBLIVE | 13 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 13 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    - 1923 में कैलिफोर्निया के शहर लॉस एंजिलिस में माउंट हिल्स के पास जमीन की कीमतों को बढ़ाने के लिए प्रचार के मकसद से 'HOLLYWOOD' लिखा गया था। पैंतालीस फीट ऊंचे और साढ़े तीन सौ फीट लंबी इस आकृति में सफेद रंग के अक्षरों में 'HOLLYWOOD' लिखा गया। शुरुआती आकृति का आकार सिर्फ 50 फीट ऊंचा और 30 फीट चौड़ा था, जिसे बाद में विशालकाय बनाया गया। कुछ वर्षों में अमेरिकी सिनेमा के प्रसार के साथ ही इसकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई। शुरुआत में यहां Hollywoodland लिखा गया था, ज़मीन जायदाद से ज़्यादा सिनेमा की पहचान बन जाने के बाद 1949 में इसमें बदलाव किए गए और इसमें से 'Land' शब्द अलग कर दिया गया।
    - 1971 में मोरक्को में तख़्तापलट करने के लिए फ़ौज के 10 अधिकारियों को मौत की सज़ा दी गई थी। हमले के ठीक 72 घंटे के भीतर ही फौज के चार जनरल, पांच कर्नल और एक मेजर को बिना किसी मुक़दमे और कोर्ट मार्शल के मौत की सज़ा सुनाई गई। उन्हें एक फ़ायरिंग स्कवॉड के सामने खड़ाकर एक के बाद एक गोली मारी गई। सेना के एक ट्रेनिंग सेंटर से तालुक़्क रखने वाले क़रीब 250 बाग़ियों ने शिखारत महल पर ठीक उसी वक़्त हमला किया, जब बादशाह हसन (द्वितीय) अपना 42वां जन्मदिन मना रहे थे। महल से 10 मील दूर स्थित रबात रेडियो, गृह मंत्रालय और सेना मुख्यालय पर भी एक के बाद एक हमले हुए। बागि़यों ने बादशाह को मारकर सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लेने का दावा किया था लेकिन मोरक्को की समाचार एजेंसी ने बाद में ख़बर दी कि बादशाह सुरक्षित हैं, जबकि उनकी वफ़ादार सेना ने सरकारी भवनों में आवाजाही बंद कर दी है और वो रबात की सड़कों पर टैंको के साथ घूम रही है। इस घटना मे बेल्जियम के राजदूत समेत 92 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हुए थे।

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  • DBLIVE | 14 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 14 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    -1958 में इराक़ में सेना के अफसरों के एक समूह ने बगावत कर राजशाही को सत्ता से हटा दिया था और राजा फ़ैसल द्वितीय की हत्या कर दी। बग़दाद रेडियो ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि फ़ौज ने इराक़ी लोगों को 'साम्राज्यवाद के ज़रिये सत्ता में आए कुछ भ्रष्ट लोगों' से आज़ादी दिलवा दी है। घोषणा में कहा गया कि, "आज के बाद इराक़ एक गणतंत्र है, जो दूसरे अरब देशों से संबंध बनाए रखेगा और साथ ही इस बात की भी जानकारी दी गई कि पड़ोसी देश जॉर्डन में तैनात 12,000 इराक़ी सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है। मेजर जनरल अब्दुल करीम एल क़ासिम को इराक़ का नया प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख भी घोषित कर दिया गया।

    -1969 में अमेरिका के वित्त मंत्रालय और फेडरल रिजर्व सिस्टम ने घोषणा की थी कि 500, 1,000, 5,000 और 10,000 डॉलर के नोटों का इस्तेमाल तुरंत प्रभाव से रोक दिया जाएगा, क्योंकि इनका उपयोग बहुत कम हो रहा है। हालांकि सन् 1969 में ये नोट जारी किए जाते रहे। इन्हें सन् 1945 में आखिरी बार प्रिंट किया गया था। अमेरिका में जो सबसे बड़ा नोट सरकार ने छापा था, वह एक लाख डॉलर का गोल्ड सर्टिफिकेट था। यह सिर्फ अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक के ट्रेजरर यानी खजांची ही दे सकते थे और वह भी इतने ही मूल्य की सोने की ईंटें दिए जाने पर। ये नोट सिर्फ रिजर्व बैंकों के बीच लेन-देन के लिए इस्तेमाल होते थे। आम जनता के लिए ये नहीं थे। हालाकि बाद में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम शुरू होने के कारण बहुत ज्यादा कैश लेने देने की प्रथा धीरे-धीरे कम हो गई।

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  • DBLIVE | 16 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 16 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1909 में मशहूर स्वतंत्रता सेनानी और नेता अरुणा आसफ़ अली का जन्म हुआ था। 1942 के ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ आंदोलन में इनका अहम योगदान था। गांधीजी आदि नेताओं की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुंबई में विरोध सभा आयोजित करके इन्होंने विदेशी सरकार को खुली चुनौती दी थी। 1942 से 1946 तक देशभर में सक्रिय रहकर भी वो पुलिस की पकड़ में नहीं आईं। 1946 में जब उनके नाम का वारंट रद्द हुआ, तभी वो सामने आयीं और सारी सम्पत्ति जब्त करने पर भी इन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया। 1947 में अरुणा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा निर्वाचित की गईं। दिल्ली में कांग्रेस संगठन को इन्होंने मज़बूत किया। 1948 में यह 'सोशलिस्ट पार्टी' में शामिल हुईं और दो साल बाद इन्होंने अलग से ‘लेफ्ट स्पेशलिस्ट पार्टी’ बनाई और सक्रियता से 'मज़दूर-आंदोलन' में जी जान से जुट गईं। 1955 में इस पार्टी का 'भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी' में विलय हो गया।1964 में अरुणा को लेनिन शांति पुरस्कार, 1991 में जवाहरलाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार,1992 में पद्म विभूषण और 1997 में मरणोपरांत इन्हें भारत रत्न पुरस्कार से नवाज़ा गया।

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  • DBLIVE | 18 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 18 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1781 में ब्रिटेन के विख्यात खगोलशास्त्री विलियम हरशल ने आकाश गंगा की वास्तविकता का पता लगाया था। हरशल जब अपनी बनाई दूरबीन से ग्रह देख रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि आकाशगंगा ऐसे ग्रहों का महान समूह है कि सौरमंडल उसका बहुत छोटा सा भाग है। अपनी दूरबीन की मदद से उन्होंने युरेनस ग्रह की खोज की थी। यह दूरबीन द्वारा पहचाना गया पहला ग्रह था। उन्होंने इसके अलावा युरेनस के दो उपग्रहों की और शनि के दो उपग्रहों की भी खोज की थी। हरशल ने इसी प्रकार कई अन्य ग्रहों की खोज की। जर्मनी में पैदा हुए विलियम एक ब्रिटिश खगोलशास्त्री और संगीतकार के तौर पर जग विख्यात हुए।

    1861 में भारत की पहली महिला स्नातक और फ़िजीशियन कादम्बिनी गांगुली का बिहार के भागलपुर में जन्म हुआ था। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। उन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी काम किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। कादम्बिनी गांगुली ने देश के स्‍वाधीनता संग्राम में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन को पहली बार किसी महिला वक्‍ता के रूप में सम्‍बोधित किया था। कादम्बिनी गांगुली ने ज़िंदगी भर समाजसेवा की और हमेशा महिलाओं के उच्‍च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रयास करती रहीं।

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  • DBLIVE | 20 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 20 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    356 ईसा पूर्व सिकंदर का जन्म हुआ था। सिकंदर ने 16 वर्ष की उम्र तक अरस्तू से ज्ञान हासिल किया था। अपना तीसवां जन्मदिन मनाने तक सिकंदर ने दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया था, जिसका विस्तार भूमध्यसागर से लेकर हिमालय तक था। जंग के मैदान में सिकंदर को कोई हरा नहीं सका और इतिहास इस वजह से सिकंदर को सबसे सफल कमांडर मानता है। सिकंदर ने अपने पिता फिलिप द्वितीय की हत्या के बाद मैसेडोनिया की गद्दी संभाली थी और विरासत में उन्हें एक मजबूत साम्राज्य और अनुभवी सेना मिली थी। सिकंदर ने सेना का विस्तार करते हुए अपने पिता की योजनाओं को आगे बढ़ाया। 334 ईसा पूर्व सिकंदर ने पहला धावा बोला और फिर अगले 10 सालों तक चले विजय अभियान के पूरा होने तक उसकी सेना भारत तक जा पहुंची थी। आज भी दुनिया भर की सेनाएं सिकंदर की रणनीतियों और तौर तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। महज 32 वर्ष की उम्र में ही सिकंदर की बीमारी से मौत हो गई थी।


    1944 में एडॉल्फ़ हिटलर पूर्वी प्रशिया के रास्टेनबर्ग स्थित अपने मुख्यालय में हुए बम विस्फोट में बाल-बाल बचे थे। इस विस्फोट की जानकारी जर्मनी की न्यूज़ एजेंसी ने हिटलर के मुख्यालय से दी थी। इस बम प्लांट करने का आरोप कर्नल क्लॉस शेंक वॉन शॉउफ़ेनबर्ग नाम के एक वरिष्ठ अधिकारी पर लगा था। इस धमाके में हिटलर मामूली रूप से ज़ख्मी हुए थे। उन्हें सिर में चोट लगी थी और शरीर के कुछ हिस्से भी जल गए थे। इसके बावजूद हिटलर ने इटली के नेता बेनितो मुसोलिनी से मिलने का कार्यक्रम बरकरार रखा था। यह हिटलर पर हुआ तीसरा बड़ा जानलेवा हमला था।

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  • DBLIVE | 21 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 21 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1969 में मानव ने चांद पर पहली बार कदम रखा था और इसी के साथ अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉंग चांद पर क़दम रखने वाले पहले इंसान बने थे। चांद की सतह पर अपना बायां पांव रखने के बाद नील आर्मस्ट्रॉंग ने ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा था "एक मनुष्य का छोटा सा कदम, पर मनुष्यता के लिए बहुत बड़ी छलांग।" उन्होंने चांद की सतह को कोयले के चूरे की तरह बताया, जहां उनका यान उतरा था वहां क़रीब एक फुट गहरे गड्ढ़े पड़ गए थे। इस ऐतिहासिक क्षण को उनके यान पर लगे कैमरे ने कैद किया। उतरने के फ़ौरन बाद आर्मस्ट्रॉंग ने सबसे पहले चांद की सतह की तस्वीरें लीं और उसकी मिट्टी के कुछ नमूने एकत्र किए। आर्मस्ट्रॉंग के उतरने के 20 मिनट बाद उनके दूसरे साथी एडविन एल्ड्रिन ने चांद की ज़मीन पर कदम रखा। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद की सतह पर अमेरिकी झंडा लहराया और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के हस्ताक्षर वाली एक पट्टिका भी चाँद पर गाड़ दी। इस पट्टिका पर लिखा था, "यहां पृथ्वी गृह से मनुष्य ने जुलाई 1969 में पहली बार आ कर कदम रखा था।


    1983 में अंटार्कटिका में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था। इस इलाके में यूं तो तापमान 30 से माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक रहता है लेकिन इस ऐतिहासक दिन यहां का तापमान गिरकर माइनस 89.2 डिग्री तक चला गया। यहां जुलाई से अगस्त के बीच सबसे ज्यादा ठंड होती है और यह दिन अंटार्कटिका वासियों के लिए सबसे ज्यादा खराब होता है। दिसंबर और जनवरी यहां गर्मियों के सबसे अच्छे दिन होते हैं और तब भी तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे ही रहता है। इससे पहले भी सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड अंटार्कटिका के ही नाम था और तब यह माइनस 80 डिग्री तक गया था।

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  • DBLIVE | 1 July 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 1 July 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1927 में भारत के आठवें प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह का जन्म हुआ था। 1990 में राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरामण ने इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। चंद्रशेखर ने राजनीति में समाजवादी आन्दोलन से जुड़कर कदम रखा और सबसे पहले बलिया ज़िले के प्रजा समाजवादी दल के सचिव बने। एक वर्ष के बाद राज्य स्तर पर इस दल के संयुक्त सचिव बन गए। 1962 में चन्द्रशेखर राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर तब दिखे, जब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चयनित हुए। 35 वर्ष की उम्र तक चंद्रशेखर ने वंचितों और दलितों के कल्याण की पैरवी करते हुए उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अपनी प्रभावी पहचान बना ली थी। इन्होंने अपनी बात रखने के लिए यंग इंडिया नाम से एक साप्ताहिक समाचार पत्र का संपादन किया। 1955 में योग्य सांसद का पहला पुरस्कार चंद्रशेखर ने अपने नाम किया था।

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Diterbitkan di: Mar 19, 2019
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903 में राजनीति के दिग्गज और सुधारवादी नेता के. कामराज का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम कामाक्षी कुमारस्वामी नादेर था। 15 वर्ष की उम्र में कामराज ने अपने गृह ज़िले में कांग्रेस पार्टी के लिए धन जुटाने का अभियान चलाकर राजनीति में दाखिल हुए। 1937 में उन्हें 'मद्रास विधानसभा' के लिए चुना गया और 1952 के आम चुनाव में लोकसभा की सीट हासिल की। 1954 से 1963 तक वह मद्रास के मुख्यमंत्री रहे और 'कामराज योजना' के अंतर्गत उन्होंने पद छोड़ दिया। इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1964 में इन्होंने लाल बहादुर शास्त्री और 1966 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई। कामराज को राजनीति का किंग मेकर कहा जाता है। इन्हें राजनीति में अहम योगदान के लिए भारत रत्न पुरस्कार से नवाज़ा गया।

1909 में आंध्र प्रदेश की पहली महिला नेता दुर्गाबाई देशमुख का जन्म हुआ था। 1923 में इन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय खोला। गांधीजी ने इस प्रयत्न की सराहना करते हुए दुर्गाबाई को स्वर्णपदक से सम्मानित किया था। नमक सत्याग्रह में इन्होंने मशहूर नेता टी. प्रकाशम के साथ हिस्सा लिया था। 1930 में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक वर्ष की सज़ा सुनाई गई। सज़ा काटकर जब वह बाहर आई तो फिर से आंदोलन में भाग लिया। इनकी दुबारा गिरफ्तारी हुई और तीन वर्ष के लिए सज़ा सुनाई गई। 1946 में दुर्गाबाई लोकसभा और संविधान परिषद् की सदस्य चुनी गईं, साथ ही कई समाजसेवी और महिलाओं के उत्थान से संबंधित संस्थाओं की सक्रिय सदस्य रहीं।

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    DBLIVE | 11 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1987 में दुनिया की आबादी ने पांच अरब का आंकड़ा छुआ था। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र ने हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज के दिन को जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। भारत और चीन समेत दुनिया के कई विकासशील और विकसित देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं। विकासशील देश अपने लोगों की ज़रूरतों और उपलब्ध संसाधनों के बीच सामंजस्य बिठाना चाहते हैं, तो विकास की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश में लगे देशों के लिए आबादी का तेज़ी से बढ़ना बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। इस दिन संयुक्त राष्ट्र बढ़ती जनसंख्या से पैदा होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जागरुक करने की कोशिश करता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं। भारत ने अपनी तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या की दर कम करने के लिए जल्द ही कुछ ठोस कदम नहीं उठाएं तो 2030 तक वह विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला राष्ट्र बन जाएगा।

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  • DBLIVE | 12 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 12 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    -1909 में हिन्दी फ़िल्मों के महान फ़िल्म निर्देशक बिमल राय का जन्म पूर्व बंगाल यानी बांग्लादेश में हुआ था। एक जमींदार परिवार में जन्मे बिमल ने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता के न्यू थियेटर स्टूडियों में एक कैमरामैन के रूप में की थी । बिमल सन् 1935 में केएल सहगल की फ़िल्म देवदास के सहायक निर्देशक थे। सिनेमा तकनीक पर उनकी मज़बूत पकड़ थी, जिससे उनकी फ़िल्में दर्शकों को प्रभावित करती हैं और दर्शकों को अंत तक बांधकर रखने में सफल रहती हैं। फिल्म 'बैंगल फैमिन' से उन्होंने बतौर निर्देशक अपने कैरियर की शुरुआत की, पर सन् 1953 में आई फिल्म 'दो बीघा जमीन' ने पूरे विश्व के फिल्म जगत में एक अलग ही मुकाम दिलवाया। बिमल के निर्देशन में बनी फिल्में सुजाता ,मधुमती, परिणीता ,बिराज बहू और काबुलीवाला ने लोगों के दिलों में एक अलग छाप छोड़ने में कामयाब रहीं। ग्यारह फिल्मफेयर अवार्ड और छह राष्ट्रीय अवार्ड जीतना ही किसी फिल्म निर्देशक की प्रतिभा का परिचायक होता है, पर बिमल राय ऐसे निर्देशक थे मानो अवार्ड उनके लिए ही बने हों।

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  • DBLIVE | 13 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 13 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    - 1923 में कैलिफोर्निया के शहर लॉस एंजिलिस में माउंट हिल्स के पास जमीन की कीमतों को बढ़ाने के लिए प्रचार के मकसद से 'HOLLYWOOD' लिखा गया था। पैंतालीस फीट ऊंचे और साढ़े तीन सौ फीट लंबी इस आकृति में सफेद रंग के अक्षरों में 'HOLLYWOOD' लिखा गया। शुरुआती आकृति का आकार सिर्फ 50 फीट ऊंचा और 30 फीट चौड़ा था, जिसे बाद में विशालकाय बनाया गया। कुछ वर्षों में अमेरिकी सिनेमा के प्रसार के साथ ही इसकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई। शुरुआत में यहां Hollywoodland लिखा गया था, ज़मीन जायदाद से ज़्यादा सिनेमा की पहचान बन जाने के बाद 1949 में इसमें बदलाव किए गए और इसमें से 'Land' शब्द अलग कर दिया गया।
    - 1971 में मोरक्को में तख़्तापलट करने के लिए फ़ौज के 10 अधिकारियों को मौत की सज़ा दी गई थी। हमले के ठीक 72 घंटे के भीतर ही फौज के चार जनरल, पांच कर्नल और एक मेजर को बिना किसी मुक़दमे और कोर्ट मार्शल के मौत की सज़ा सुनाई गई। उन्हें एक फ़ायरिंग स्कवॉड के सामने खड़ाकर एक के बाद एक गोली मारी गई। सेना के एक ट्रेनिंग सेंटर से तालुक़्क रखने वाले क़रीब 250 बाग़ियों ने शिखारत महल पर ठीक उसी वक़्त हमला किया, जब बादशाह हसन (द्वितीय) अपना 42वां जन्मदिन मना रहे थे। महल से 10 मील दूर स्थित रबात रेडियो, गृह मंत्रालय और सेना मुख्यालय पर भी एक के बाद एक हमले हुए। बागि़यों ने बादशाह को मारकर सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लेने का दावा किया था लेकिन मोरक्को की समाचार एजेंसी ने बाद में ख़बर दी कि बादशाह सुरक्षित हैं, जबकि उनकी वफ़ादार सेना ने सरकारी भवनों में आवाजाही बंद कर दी है और वो रबात की सड़कों पर टैंको के साथ घूम रही है। इस घटना मे बेल्जियम के राजदूत समेत 92 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हुए थे।

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  • DBLIVE | 14 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 14 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    -1958 में इराक़ में सेना के अफसरों के एक समूह ने बगावत कर राजशाही को सत्ता से हटा दिया था और राजा फ़ैसल द्वितीय की हत्या कर दी। बग़दाद रेडियो ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि फ़ौज ने इराक़ी लोगों को 'साम्राज्यवाद के ज़रिये सत्ता में आए कुछ भ्रष्ट लोगों' से आज़ादी दिलवा दी है। घोषणा में कहा गया कि, "आज के बाद इराक़ एक गणतंत्र है, जो दूसरे अरब देशों से संबंध बनाए रखेगा और साथ ही इस बात की भी जानकारी दी गई कि पड़ोसी देश जॉर्डन में तैनात 12,000 इराक़ी सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है। मेजर जनरल अब्दुल करीम एल क़ासिम को इराक़ का नया प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख भी घोषित कर दिया गया।

    -1969 में अमेरिका के वित्त मंत्रालय और फेडरल रिजर्व सिस्टम ने घोषणा की थी कि 500, 1,000, 5,000 और 10,000 डॉलर के नोटों का इस्तेमाल तुरंत प्रभाव से रोक दिया जाएगा, क्योंकि इनका उपयोग बहुत कम हो रहा है। हालांकि सन् 1969 में ये नोट जारी किए जाते रहे। इन्हें सन् 1945 में आखिरी बार प्रिंट किया गया था। अमेरिका में जो सबसे बड़ा नोट सरकार ने छापा था, वह एक लाख डॉलर का गोल्ड सर्टिफिकेट था। यह सिर्फ अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक के ट्रेजरर यानी खजांची ही दे सकते थे और वह भी इतने ही मूल्य की सोने की ईंटें दिए जाने पर। ये नोट सिर्फ रिजर्व बैंकों के बीच लेन-देन के लिए इस्तेमाल होते थे। आम जनता के लिए ये नहीं थे। हालाकि बाद में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम शुरू होने के कारण बहुत ज्यादा कैश लेने देने की प्रथा धीरे-धीरे कम हो गई।

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  • DBLIVE | 16 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 16 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1909 में मशहूर स्वतंत्रता सेनानी और नेता अरुणा आसफ़ अली का जन्म हुआ था। 1942 के ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ आंदोलन में इनका अहम योगदान था। गांधीजी आदि नेताओं की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुंबई में विरोध सभा आयोजित करके इन्होंने विदेशी सरकार को खुली चुनौती दी थी। 1942 से 1946 तक देशभर में सक्रिय रहकर भी वो पुलिस की पकड़ में नहीं आईं। 1946 में जब उनके नाम का वारंट रद्द हुआ, तभी वो सामने आयीं और सारी सम्पत्ति जब्त करने पर भी इन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया। 1947 में अरुणा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा निर्वाचित की गईं। दिल्ली में कांग्रेस संगठन को इन्होंने मज़बूत किया। 1948 में यह 'सोशलिस्ट पार्टी' में शामिल हुईं और दो साल बाद इन्होंने अलग से ‘लेफ्ट स्पेशलिस्ट पार्टी’ बनाई और सक्रियता से 'मज़दूर-आंदोलन' में जी जान से जुट गईं। 1955 में इस पार्टी का 'भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी' में विलय हो गया।1964 में अरुणा को लेनिन शांति पुरस्कार, 1991 में जवाहरलाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार,1992 में पद्म विभूषण और 1997 में मरणोपरांत इन्हें भारत रत्न पुरस्कार से नवाज़ा गया।

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  • DBLIVE | 18 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 18 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1781 में ब्रिटेन के विख्यात खगोलशास्त्री विलियम हरशल ने आकाश गंगा की वास्तविकता का पता लगाया था। हरशल जब अपनी बनाई दूरबीन से ग्रह देख रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि आकाशगंगा ऐसे ग्रहों का महान समूह है कि सौरमंडल उसका बहुत छोटा सा भाग है। अपनी दूरबीन की मदद से उन्होंने युरेनस ग्रह की खोज की थी। यह दूरबीन द्वारा पहचाना गया पहला ग्रह था। उन्होंने इसके अलावा युरेनस के दो उपग्रहों की और शनि के दो उपग्रहों की भी खोज की थी। हरशल ने इसी प्रकार कई अन्य ग्रहों की खोज की। जर्मनी में पैदा हुए विलियम एक ब्रिटिश खगोलशास्त्री और संगीतकार के तौर पर जग विख्यात हुए।

    1861 में भारत की पहली महिला स्नातक और फ़िजीशियन कादम्बिनी गांगुली का बिहार के भागलपुर में जन्म हुआ था। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। उन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी काम किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। कादम्बिनी गांगुली ने देश के स्‍वाधीनता संग्राम में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन को पहली बार किसी महिला वक्‍ता के रूप में सम्‍बोधित किया था। कादम्बिनी गांगुली ने ज़िंदगी भर समाजसेवा की और हमेशा महिलाओं के उच्‍च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रयास करती रहीं।

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  • DBLIVE | 20 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 20 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    356 ईसा पूर्व सिकंदर का जन्म हुआ था। सिकंदर ने 16 वर्ष की उम्र तक अरस्तू से ज्ञान हासिल किया था। अपना तीसवां जन्मदिन मनाने तक सिकंदर ने दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया था, जिसका विस्तार भूमध्यसागर से लेकर हिमालय तक था। जंग के मैदान में सिकंदर को कोई हरा नहीं सका और इतिहास इस वजह से सिकंदर को सबसे सफल कमांडर मानता है। सिकंदर ने अपने पिता फिलिप द्वितीय की हत्या के बाद मैसेडोनिया की गद्दी संभाली थी और विरासत में उन्हें एक मजबूत साम्राज्य और अनुभवी सेना मिली थी। सिकंदर ने सेना का विस्तार करते हुए अपने पिता की योजनाओं को आगे बढ़ाया। 334 ईसा पूर्व सिकंदर ने पहला धावा बोला और फिर अगले 10 सालों तक चले विजय अभियान के पूरा होने तक उसकी सेना भारत तक जा पहुंची थी। आज भी दुनिया भर की सेनाएं सिकंदर की रणनीतियों और तौर तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। महज 32 वर्ष की उम्र में ही सिकंदर की बीमारी से मौत हो गई थी।


    1944 में एडॉल्फ़ हिटलर पूर्वी प्रशिया के रास्टेनबर्ग स्थित अपने मुख्यालय में हुए बम विस्फोट में बाल-बाल बचे थे। इस विस्फोट की जानकारी जर्मनी की न्यूज़ एजेंसी ने हिटलर के मुख्यालय से दी थी। इस बम प्लांट करने का आरोप कर्नल क्लॉस शेंक वॉन शॉउफ़ेनबर्ग नाम के एक वरिष्ठ अधिकारी पर लगा था। इस धमाके में हिटलर मामूली रूप से ज़ख्मी हुए थे। उन्हें सिर में चोट लगी थी और शरीर के कुछ हिस्से भी जल गए थे। इसके बावजूद हिटलर ने इटली के नेता बेनितो मुसोलिनी से मिलने का कार्यक्रम बरकरार रखा था। यह हिटलर पर हुआ तीसरा बड़ा जानलेवा हमला था।

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  • DBLIVE | 21 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 21 JULY 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1969 में मानव ने चांद पर पहली बार कदम रखा था और इसी के साथ अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉंग चांद पर क़दम रखने वाले पहले इंसान बने थे। चांद की सतह पर अपना बायां पांव रखने के बाद नील आर्मस्ट्रॉंग ने ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा था "एक मनुष्य का छोटा सा कदम, पर मनुष्यता के लिए बहुत बड़ी छलांग।" उन्होंने चांद की सतह को कोयले के चूरे की तरह बताया, जहां उनका यान उतरा था वहां क़रीब एक फुट गहरे गड्ढ़े पड़ गए थे। इस ऐतिहासिक क्षण को उनके यान पर लगे कैमरे ने कैद किया। उतरने के फ़ौरन बाद आर्मस्ट्रॉंग ने सबसे पहले चांद की सतह की तस्वीरें लीं और उसकी मिट्टी के कुछ नमूने एकत्र किए। आर्मस्ट्रॉंग के उतरने के 20 मिनट बाद उनके दूसरे साथी एडविन एल्ड्रिन ने चांद की ज़मीन पर कदम रखा। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद की सतह पर अमेरिकी झंडा लहराया और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के हस्ताक्षर वाली एक पट्टिका भी चाँद पर गाड़ दी। इस पट्टिका पर लिखा था, "यहां पृथ्वी गृह से मनुष्य ने जुलाई 1969 में पहली बार आ कर कदम रखा था।


    1983 में अंटार्कटिका में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था। इस इलाके में यूं तो तापमान 30 से माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक रहता है लेकिन इस ऐतिहासक दिन यहां का तापमान गिरकर माइनस 89.2 डिग्री तक चला गया। यहां जुलाई से अगस्त के बीच सबसे ज्यादा ठंड होती है और यह दिन अंटार्कटिका वासियों के लिए सबसे ज्यादा खराब होता है। दिसंबर और जनवरी यहां गर्मियों के सबसे अच्छे दिन होते हैं और तब भी तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे ही रहता है। इससे पहले भी सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड अंटार्कटिका के ही नाम था और तब यह माइनस 80 डिग्री तक गया था।

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  • DBLIVE | 1 July 2016 | Taarikh Gawah Hai

    DBLIVE | 1 July 2016 | Taarikh Gawah Hai

    1927 में भारत के आठवें प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह का जन्म हुआ था। 1990 में राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरामण ने इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। चंद्रशेखर ने राजनीति में समाजवादी आन्दोलन से जुड़कर कदम रखा और सबसे पहले बलिया ज़िले के प्रजा समाजवादी दल के सचिव बने। एक वर्ष के बाद राज्य स्तर पर इस दल के संयुक्त सचिव बन गए। 1962 में चन्द्रशेखर राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर तब दिखे, जब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चयनित हुए। 35 वर्ष की उम्र तक चंद्रशेखर ने वंचितों और दलितों के कल्याण की पैरवी करते हुए उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अपनी प्रभावी पहचान बना ली थी। इन्होंने अपनी बात रखने के लिए यंग इंडिया नाम से एक साप्ताहिक समाचार पत्र का संपादन किया। 1955 में योग्य सांसद का पहला पुरस्कार चंद्रशेखर ने अपने नाम किया था।

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DB Live

  • JDU सांसद के बिगड़े बोल, बोले- नहीं करेंगे यादवों और मुसलमानों का कोई काम ! Devesh Chandra Thakur |

    JDU सांसद के बिगड़े बोल, बोले- नहीं करेंगे यादवों और मुसलमानों का कोई काम ! Devesh Chandra Thakur |

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    oleh DB Live| 58 dilihat

  • EVM में हेरफेर पर Election Commission को ShivSena की चेतावनी, कोर्ट जाएगी पार्टी | Maharashtra |

    EVM में हेरफेर पर Election Commission को ShivSena की चेतावनी, कोर्ट जाएगी पार्टी | Maharashtra |

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  • फ़ोन से हैक हो सकती है EVM ? Rahul Gandhi | EVM | Akhilesh Yadav | Congress | BJP | #dblive

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Govt./PSU

  • GAIL bringing INDIA together

    GAIL bringing INDIA together

    GAIL India increasing it's capacity and serving all over INDIA.

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    oleh GAIL Social| 727729 dilihat

  • My interview with Jan Man India

    My interview with Jan Man India

    Here is my interview with Shri Sudhir Raval on Jan Man India Channel.


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    oleh Mansukh Mandaviya| 819727 dilihat

  • Launch of Gujarat Election Campaign in Ahmedabad

    Launch of Gujarat Election Campaign in Ahmedabad

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    Launch of Gujarat Election Campaign in Ahmedabad

    oleh Indian National Congress| 170828 dilihat

  • Special Briefing on the Visit of President of Maldives to India (August 02, 2022)

    Special Briefing on the Visit of President of Maldives to India (August 02, 2022)



    Special Briefing on the Visit of President of Maldives to India (August 02, 2022)

    oleh Ministry of External Affairs, India| 194664 dilihat

  • Press Conference by Union Minister of Jal Shakti Shri Gajendra Singh Shekhawat at BJP HQ.

    Press Conference by Union Minister of Jal Shakti Shri Gajendra Singh Shekhawat at BJP HQ.

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    Press Conference by Union Minister of Jal Shakti Shri Gajendra Singh Shekhawat at BJP HQ.

    oleh Bharatiya Janata Party Delhi| 74286 dilihat

  • ECI Press Briefing

    ECI Press Briefing

    Press briefing of Election Commission of India on completion of 2nd Phase of #LokSabhaElection2019 and State Legislative Assemblies elections.

    #PollingDay #DeskKaMahaTyohaar #NoVoterToBeLeftBehind

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    oleh Election Commission of India| 432151 dilihat

Daily Mirror

  • आजतक का सबसे ताकतवर ज्वालामुखी विस्फोट #EcoIndia #supervolcano #

    आजतक का सबसे ताकतवर ज्वालामुखी विस्फोट #EcoIndia #supervolcano #

    1815 में इंडोनेशिया के माउंट ताम्बोरा में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. यह इतना शक्तिशाली था कि 2000 किलोमीटर दूर सुनाई दे गया. कैसे इस विस्फोट ने जलवायु पर असर डाला था, देखिए.

    #EcoIndia #supervolcano

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    oleh DB Live| 86 dilihat

  • विधायकों और मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर मंथन | CM Mohan और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल | BJP Meeting

    विधायकों और मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर मंथन | CM Mohan और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल | BJP Meeting

    विधायकों और मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर मंथन | CM Mohan Yadav और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल | BJP Meeting

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    Source : ANI \ Studio \ INH Reporters \ Agencies

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    oleh Inh News| 60 dilihat

  • West Bengal Train Accident: बंगाल में बड़ा ट्रेन हादसा, Kanchenjunga Express से मालगाड़ी की टक्कर

    West Bengal Train Accident: बंगाल में बड़ा ट्रेन हादसा, Kanchenjunga Express से मालगाड़ी की टक्कर

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    पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बड़ा रेल हादसा

    रंगपानी रेलवे स्टेशन पर हुआ हादसा

    कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई

    कंचनजंगा एक्सप्रेस की बोगियां क्षतिग्रस्त

    मौके पर राहत बचाव कार्य जारी

    कई लोगों के घायल होने की आशंका

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    West Bengal Train Accident: बंगाल में बड़ा ट्रेन हादसा, Kanchenjunga Express से मालगाड़ी की टक्कर

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  • भारत को तेवर दिखा रहा था China, अब Tibet मामले पर America ने कस दिए पेंच | Tibet China Bill

    भारत को तेवर दिखा रहा था China, अब Tibet मामले पर America ने कस दिए पेंच | Tibet China Bill

    #XiJinping #TibetVsChina #TibetChinaConflict #TibetChinaBill #DalaiLama #PunjabKesariTv
    तिब्बत पर फ़िर आमने- सामने अमेरिका और चीन
    अमेरिकी संसद में तिब्बत पर चीनी कब्जे के खिलाफ बिल पास
    चीन के दावे का खंडन करता है यह विधेयक
    दलाई लामा और चीन के बीच बातचीत कराने पर जोर

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    भारत को तेवर दिखा रहा था China, अब Tibet मामले पर America ने कस दिए पेंच | Tibet China Bill

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