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  • अहिंसा की शक्ति | Ahinsa kee shakti | Power of non-violence

    अहिंसा की शक्ति | Ahinsa kee shakti | Power of non-violence

    अहिंसा की शक्ति | Ahinsa kee shakti | Power of non-violence

    देखिये गाँधी जी का खुद का कथन हैं कि वे भगवान् महावीर के दर्शन से बेहद प्रभावित थे। जैन धर्म और जैन सिद्धांत के प्रति उनकी बड़ी गहरी रूचि थी। जब वो भारत से बाहर दक्षिण अफ्रीका के लिए गए थे तब उनकी माँ ने उन्हें जो प्रतिज्ञाएँ दिलाई थी वो एक बेचर दास जी दोसी एक जैन मुनि थे श्वेताम्बर जैन मुनि, उनसे दिलाई थी कि बेटा मांस नहीं खाना, मदिरा नहीं पीना और परस्त्री सेवन नहीं करना। तो गाँधी जी ने अपने जीवन में जैन धर्म के प्रति बड़ा रुझान रखा। श्री मद्रास चंद्र जी का भी उनपर काफी गहरा असर था और टॉल्सटॉय और रस्किन से तो वो प्रभावित थे ही, लेकिन जैन धर्म की उनके ह्रदय में अमिट छाप थी। भगवन महावीर की अहिंसा को आत्मसात करके ही उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। उनके असहयोग आंदोलन का मूल उनकी ही अहिंसा क्रांति का रूप हुआ वह जैन धर्म के व्यापक प्रभाव का ही परिणाम था। उन्होंने भगवान् महावीर के सर्वोदय वादी दृष्टि कोण को जगत व्यापी बनाने का प्रयत्न किया इसीलिए गांधीजी का अपना कोई दर्शन नहीं था। वो एक आस्तिक, ईश्वर पर विश्वास रखने वाले एक महापुरुष थे। लेकिन उन्होंने वक्त वक्त पर अपने जो विचार व्यक्त किये वही गांधी दर्शन बन गया। उस दर्शन में विशुद्धितियाँ भारतीय दर्शन की झलक दिखती हैं एक ऐसे दर्शन कि जो विशुद्धितियाँ मानवतावादी दर्शन रहा हो। जिन्होंने इस सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान के लिए कार्य किया। अहिंसा उनके ह्रदय में कूट कूट के भरी थी। भगवान महावीर के अपरिग्रह के आदर्श को उन्होंने आत्मसात किया। सत्य का जीवन पर्यन्त का प्रयोग किया। ब्रह्मचर्य को अपने जीवन की साधना बनाई और सत्य के कारण अचौर्य भी उनके जीवन का एक व्रत बन गया। तो ये पाँचो को व्रत भगवान् महावीर के गांधीजी में समाहित थे। कही से नहीं अगर देखा जाये तो मै ये कह सकता हूँ कि भगवान महावीर के जीवन दर्शन को प्रायोगिक तौर पर उतारने का श्रेय गांधीजी को जाता हैं। और उन्होंने इस अहिंसा की ताकत का एहसास पूरे विश्व को करा दिया कि अहिंसा की शक्ति कितनी प्रबल शक्ति हैं। सारी हिंसक ताकते हैं अहिंसा के आगे नतमस्तक होती हैं। जिस समय उन्होंने अहिंसा के आंदोलन की बात की थी। कई लोगो के मन में कई तरह की बाते थी। हमारे देश के जो गर्म दल के जो लोग थे उनके मन में बड़ी खलब

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  • कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस | Konphidens aur ovar konphidens | Confidence and Over Confidence

    कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस | Konphidens aur ovar konphidens | Confidence and Over Confidence

    कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस | Konphidens aur ovar konphidens | Confidence and Over Confidence

    कॉन्फिडेंस तो होना चाहिए पर ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना चाहिए। कोई कार्य मै कर सकता हूँ इस विश्वास का नाम कॉन्फिडेंस है, और सावधानी सतर्कता पूर्वक उस कार्य को अंजाम दू कॉन्फिडेंस ये बोलता है, और कोई कार्य जिसकी हमारी कोई तैयारी नहीं दक्षता नहीं, कौशल नहीं उस कार्य को भी मै सब कार्य कर सकता हूँ ये ओवर कॉन्फिडेंस है। मै गाड़ी चला सकता हूँ ये मेरा कॉन्फिडेंस हैं पर मै आँख मूंद कर गाड़ी चला सकता हूँ वो भैया ओवर कॉन्फिडेंस हैं। विश्वास के साथ जब तक विवेक जुड़ा हैं तब तक वो कॉन्फिडेंस हैं और उस विश्वास में अतिरेक आ गया तो वो ओवर कॉन्फिडेंस हैं। विवेक होना चाहिए अतिरेक नहीं हैं ये कह रहे की अगर प्रवचन में राय नहीं आया या तो बल्ला जिधर घूम जाये उधर घूमता, हम क्या करे, लेकिन अपने सवाल किया हैं कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस। कॉन्फिडेंस एक गुण हैं और ओवर कॉन्फिडेंस एक बहुत बड़ी दुर्बलता हैं। बहुत सारे लोग ओवर कॉन्फिडेंस के शिकार होकर बड़ा-बड़ा नुक्सान उठा लेते है, तो कॉंफिडेंट रहो। देखो कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस का अंतर बताता हूँ। वो कछुआ और खरगोश की कहानी याद करो पूरी कहानी सुनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सार सुना देता हूँ। कछुए को कॉन्फिडेंस था मै धीरे धीरे चल लूंगा लेकिन खरगोश को ओवर कॉन्फिडेंस था थोड़ा आराम कर लूँ, मै तो पहुंच ही जाऊंगा। खरगोश सो गया, सो गया । समझ गए ना। इससे अच्छा उदाहरण नहीं मिलेगा कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस को समझने के लिए। इसलिए एकदम कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस को समझ लो। इसलिए कछुआ बनकर के जीना, खरगोश बनने की कोशिश मत करना।

    Konphidens to hona chaahie par ovar konphidens nahin hona chaahie. koee kaary mai kar sakata hoon is vishvaas ka naam konphidens hai, aur saavadhaanee satarkata poorvak us kaary ko anjaam doo konphidens ye bolata hai, aur koee kaary jisakee hamaaree koee taiyaaree nahin dakshata nahin, kaushal nahin us kaary ko bhee mai sab kaary kar sakata hoon ye ovar konphidens hai. mai gaadee chala sakata hoon ye mera konphidens hain par mai aankh moond kar gaadee chala sakata hoon vo bhaiya ovar konphidens hain. vishvaas ke saath jab tak v

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  • सुख और दुःख । Sukh aur duhkh | Happiness and sorrow.

    सुख और दुःख । Sukh aur duhkh | Happiness and sorrow.

    सुख और दुःख । Sukh aur duhkh | Happiness and sorrow.

    बिल्कुल सही बात है आनंद एक आभास है और दुःख एक अनुभव। आनंद का आभास करना चाहते है पर अंत तक पता नहीं चलता। और दुःख के अनुभव से प्रेरित होकर दुःख से बचना चाहते है पर अंत तक उससे पीछा नहीं छूटता। जो सच्चे अर्थो में दुःख का अनुभव गहराई से करता है उसके मन में ही दुःख मुक्ति का प्रबल भाव उमड़ता है और जिसके हृदय में दुःख मुक्ति का प्रबल भाव उमड़ता है वही अपने जीवन को आनंद की यात्रा बना पाता है। अब तक के दुःखों के अनुभवों का अध्ययन करो, अन्वेषण करो। हम पाएंगे की मेरे जीवन का सारा दुःख, मेरे अज्ञान का परिणाम है। मै अब तक जितना भी दुखी हुआ हूँ, बहरी कारणों से नहीं, खुद के अज्ञान के कारण दुखी हुआ हूँ। काश मुझे जीवन की सच्चाई का बोध होता तो जिन घड़ियों में मैंने दुखपूर्ण अनुभव किया है उन्ही स्थितियों में आनंद की अनुभूति भी कर सकता था। जीवन के दुःखों का मूल अज्ञान है। एकीकृत करके कहे तो हमारे सारे दुःख चार प्रकार के दुःखों में शामिल हो जाते है। पहला जो दुःख होता है वो कल्पना जन्य दुःख है या तो मनुष्य अतीत की स्मृतियों में खोता है या भविष्य के सपनो में। अतीत व्यतीत हो चुका है वो एक भोगा हुआ यथार्थ है पर सामने नहीं है। और भविष्य अभी उत्पन ही नहीं हुआ है लेकिन मनुष्य अपने अतीत और भविष्य को लेकर के उलझता है। ये अज्ञान ही तो है। जिसे जीवन की वास्तविकता का ज्ञान होता वो जानता मेरा तो जो है वह केवल वर्तमान है। अगर अपने मन को वर्तमान में ठहराने का अभ्यास बना लो तो ना तो अतीत की स्मृतियाँ तुम्हारे दिमाग का बोझ बनेंगी ना भविष्य की कल्पना तुम्हारी चिंता का कारण बनेंगी। और स्मृति और चिंता से मुक्त रहोगे तो हर पल आनंद की अनुभूति होगी कि नहीं होगी। दूसरी बात मनुष्य का मन दुखी होता है अभाव के कारण। हर पल मनुष्य अभाव का रोना रोता है मेरे पास ये कम है, मेरे पास ये नहीं है, मेरे पास वो नहीं है। सच्चाई ये है अभाव दुःख का कारण नहीं है और सदभाव सुख का कारण नहीं है दुनिया में ऐसे अनेक लोग है जिनके पास वो सब चीजे है जिसके अभाव में हम रो रहे है और वो भी दुःखी है। और ऐसे भी लोग है कि जिनके पास हमारी भी अपेक्षा और भी घोर अभाव है फिर भी वो बड़े सुखी है। तो फिर इस भाव और अभाव को कैसे सुख दुःख का कारण माने ये हमारा अज्ञान ही तो है आप लोगो को लगता है म

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  • जीवन का आत्मोध्दार कैसे करे? | Jeevan ka aatmodhdaar kaise kare? | How to surrender to life?

    जीवन का आत्मोध्दार कैसे करे? | Jeevan ka aatmodhdaar kaise kare? | How to surrender to life?

    जीवन का आत्मोध्दार कैसे करे? | Jeevan ka aatmodhdaar kaise kare? | How to surrender to life?

    देखिये सपनो का कोई अंत नहीं है सामान्य रूप से सपने गढ़ने चाहिए और जब तक हो सपने साकार ना हो तब तक उसके लिए प्रत्यन करते रहना चाहिए लेकिन यदि परमार्थी दृष्टि से विचार किया जाए तो पूरा जीवन केवल सपनो में खोना ठीक नहीं है, अपने लिए जीना सीखना चाहिए। आज जिन सपनो की बात की जाती है वो केवल दुनियादारी गौरखधन्धों तक सीमित है एक अवस्था तक उसके लिए प्रयास करना फिर भी समझ में आता है पर पूरा जीवन इन सपनो को पूरा करने में ही खफा देना ठीक नहीं लगता। हमे तय करना है आखिर मेरे कितने सपने, सपने तो रोज नए नए होते है। जीवन के लिए जो आधारभूत जरूरते है उसकी पूर्ति हो जाए, संतान को अपने पाँव पर खड़े कर दें। इसके बाद स्वयं के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी तो निभाना चाहिए। आत्मउत्थान की तरफ दृष्टि रखनी चाहिए। अपने कहा- उम्र को देखते हुए हार मान लेनी चाहिए। आप हार मानो या ना मानो आप हार तो चुके हो, पहले से ही हार चुके हो, कैसे हार चुके हो? अपने जीवन के मूलभूत प्रयोजन को आप भूला चुके हो अपनी आत्मा का तो पराभोग कर ही दिए है, केवल इन्ही सपनो के रंगीनियो में लगे रहोगे तो अपनी आत्मा को कब पहचानोगे! इसलिए एक बात सदैव याद रखना, अगर बाहर के सपने पूरा न करने पर भी हमारी हार हो, तो उसकी क्षति बड़ी क्षति नहीं है क्योकि वो सारा नुकसान केवल यही जीवन का है लेकिन आत्मोद्धार के मार्ग में हम पीछे रह गए तो उसकी क्षति अपूरणीय है क्योकि वो पीड़ा हमे कई दिनों तक भोगनी पड़ेगी। इसलिए हमे केवल सपनो की बात ना करके, सत्य को समझने की दृष्टि विकसित करनी चाहिए।

    Avneesh Kumar Infotrench: Dekhiye sapano ka koee ant nahin hai saamaany roop se sapane gadhane chaahie aur jab tak ho sapane saakaar na ho tab tak usake lie pratyan karate rahana chaahie lekin yadi paramaarthee drshti se vichaar kiya jae to poora jeevan keval sapano mein khona theek nahin hai, apane lie jeena seekhana chaahie. aaj jin sapano kee baat kee jaatee hai vo keval duniyaadaaree gaurakhadhandhon tak seemit hai ek avastha tak usake lie prayaas karana phir bhee samajh mein aata hai par poora jeevan in sapano ko poora karane mein hee khapha dena theek nahin

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  • अपने लिए कमाएं | Apane lie kamaen | Earn for yourself

    अपने लिए कमाएं | Apane lie kamaen | Earn for yourself

    अपने लिए कमाएं | Apane lie kamaen | Earn for yourself

    ये मनुष्य जन्म पाकर आपने क्या किया, ये मनुष्य का चोला पाकर, ये मनुष्य की काया पाकर, ये मनुष्य का तन पाकर, ये मनुष्य का जीवन पाकर, ये मनुष्य की पर्याय पाकर, आपने क्या किया? याद रखना, जो आप अपने बच्चो के लिए कर रहे है वो एक्सचेंज है। तुम्हारे माँ-बाप ने तुम्हारे लिए किया। तुम अपने बच्चो के लिए कर रहे हो ये तो एक्सचेंज है। तुम्हारे माँ-बाप ने तुम्हारे लिए किया दुकान बना दी, मकान बना दिया, घर बना दिया, तुम्हारे बाप ने भी यही तुम्हारे लिए किया था, तुम भी अपने बच्चो के लिए यही कर रहे हो। तो ये क्या है? एक्सचेंज। ये विनिमय है। कुछ ऐसा कर चलो कि मरने के बाद तुम्हारी आत्मा की शांति के लिए किसी को भगवान् से प्रार्थना ना करना पड़े। क्योकि दूसरो के द्वारा की गयी प्रार्थनाये, हमारे बिल्कुल भी काम नहीं आती है। जो प्रार्थना हम अपने होश-हवास में करेंगे, वही हमारा अपना होगा, बैंको में रखा हुआ हमारा अपना नहीं होगा। बैंको में रखा हुआ हमारा अपना नहीं है। जो अपने अपने होश-हवास में अपने हाथो से दिया, केवल वही आपका अपना है। इसलिए जीवन में एक ही वक्तव्य याद रखना, आदमी इतना कमाता है एक सज्जन मेरे पास आये, दूसरे सज्जन ने कहा- मुनि जी, ये मंदिर नहीं आते, ये मंदिर बहुत कम आते है। मैंने कहा- ये इतना कमाते आते है कि मंदिर भी कम आते है।

    Ye manushy janm paakar aapane kya kiya, ye manushy ka chola paakar, ye manushy kee kaaya paakar, ye manushy ka tan paakar, ye manushy ka jeevan paakar, ye manushy kee paryaay paakar, aapane kya kiya? yaad rakhana, jo aap apane bachcho ke lie kar rahe hai vo eksachenj hai. tumhaare maan-baap ne tumhaare lie kiya. tum apane bachcho ke lie kar rahe ho ye to eksachenj hai. tumhaare maan-baap ne tumhaare lie kiya dukaan bana dee, makaan bana diya, ghar bana diya, tumhaare baap ne bhee yahee tumhaare lie kiya tha, tum bhee apane bachcho ke lie yahee kar rahe ho. to ye kya hai? eksachenj. ye vinimay hai. kuchh aisa kar chalo ki marane ke baad tumhaaree aatma kee shaanti ke lie kisee ko bhagavaan se praarthana na karana pade. kyoki doosaro ke dvaara kee gayee praarthanaaye, hamaare bilkul bhee kaam

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  • सही परवरिश और संस्कार | Sahee paravarish aur sanskaar | Correct upbringing

    सही परवरिश और संस्कार | Sahee paravarish aur sanskaar | Correct upbringing

    सही परवरिश और संस्कार | Sahee paravarish aur sanskaar | Correct upbringing

    बचपन सोते सोते निकल गया, जवानी भी सोते-सोते निकल गई, बुढ़ापा भी सोते-सोते निकल गया तो? कुंकुनाचार 11 साल की उम्र में मुनि बन जाते है। आचार्य जिनसेन अगर्भ दिगम्बर जिन्हे कहा गया है, कपड़े पहने ही नहीं, 8 साल की उम्र में मुनि दीक्षा ले ली आचार्य जिनसेन, आचार्य कुन्दकुन्द 11 साल की उम्र में मुनि बन गए, क्यों? जब वो छोटे थे उनकी माँ पलना झुलाती थी तो गुनगुनाती थी शुद्धोसि सी बूंद सी निरंजनोसि संसारमाया परवर्त दोषी। बच्चो को सुनाती थी बेटा तू शुद्ध है, तू बुद्ध है, तू निरंजन है, तू संसार की माया से विरक्त है। ऐसा पलने में बालक, दूध पीता बच्चा, छोटा बच्चा, दूध पिलाते-पिलाते माँ उसको आध्यात्मिक की घुट्टी पिलाती थी और कहती थी - "शुद्धोसि सी बूंद सी निरंजनोसि संसारमाया परवर्त दोषी" इसका असर ये हुआ की 11 साल की उम्र में वो दिगम्बर मुनि हो जाते है और समयसार जैसी, कालजयी ग्रंथ की रचना करते है वो आचार्य कुन्दकुन्द होते है। आचार्य जिनसेन जिन्होंने आदि पुराण लिखा अगर्भ दिगम्बर वो आध्यात्म का असर होता है जो शिक्षा माँ बाप से दी गई वो शिक्षा जीवन भर काम आई। 3 तरीके के माँ बाप होते है, एक जघन्य माँ बाप जो केवल औलाद को जन्म देते है वो जघन्य माँ बाप है, जो जन्म के साथ संपत्ति भी देते है वो मध्यम माँ बाप है, और जो जन्म देते है संपत्ति देते है साथ ही संस्कार भी देते है वो उत्तम माँ बाप हैं, इसलिए मैं कहूंगा, आप सब से कहूँगा अपने बच्चो को केवल कार मत देना कार के साथ संस्कार भी देना। अगर आप अपने बुढ़ापे को सुखमय बनाना चाहते है "तरुण सागर" की ये बात याद रखिये अपनी औलाद को सिर्फ कार मत देना, साथ में संस्कार भी देना। बच्चे को मन पसंद की गिफ्ट न दो तो थोड़ी देर रोयेगा और अगर अपने उसे संस्कार न दिए तो जिंदगी भर रोएगा। इसलिए तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचन की एक पंक्ति कहेंगे- कि बच्चो को केवल बुरी नजर से मत बचाइए उन्हें बुरी संगत से भी बचाइए।

    Bachapan sote sote nikal gaya, javaanee bhee sote-sote nikal gaee, budhaapa bhee sote-sote nikal gaya to? kunkunaachaar 11 saal kee umr mein muni ban jaate hai. aachaary jinasen agarbh digambar jinhe kaha gaya hai, kapade pahane hee nahin, 8 saal kee umr

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  • खुद को बदलें | Khud ko badalen | Change Yourself

    खुद को बदलें | Khud ko badalen | Change Yourself

    खुद को बदलें | Khud ko badalen | Change Yourself

    इंसान घर बदलता है, लिवास बदलता है, दोस्त-यार बदलता है, नाते-रिश्ते बदलता है, फिर भी परेशान है। क्यों? जबाब देंगे आप। वो इसलिए कि सब बदलता है, लेकिन अपने को नहीं बदलता है। अपने को बदलिए। लाख टके की एक बात अपने को बदलिए। सबसे महत्वपूर्ण बात अपने को बदलिए। सामने वाला नहीं बदलेगा आप अपने को बदलिए। सामने वाला नहीं बदलेगा और अभी तो सास ने कसम खा रखी है, इस बहु को ना बदला तो मेरा नाम भी फूलन देवी नहीं। हालात ये है अभी हमारे परिवार के हालात ये है सास ने कसम खा रखी है अगर इस बहु को ना बदला तो मेरा नाम फूलन देवी नहीं। वो फूलनदेवी तो कब की मर गयी ये अब तक जिन्दा है। अपने को बदलिए। सामने वाला नहीं बदलेगा, अपने को बदलिए। सास ने कसम खा रखी है, बहु को ना बदला मेरा नाम फूलन देवी नहीं और बहु ने भी कसम खा रखी है, दुनिया इधर से उधर हो जाए मैं टस से मस होने वाली नहीं हूँ। अब क्या होगा? आज श्री महाभारत प्रस्तुत करता गोदरेज। परिवार में कलय होगी, परिवार में कलेश होगा, परिवार में संघर्ष होगा, परिवार में तनातनी होगी, परिवार में झगड़े होंगे, परिवार में मन-मुटाव होगा इसलिए धर्म और आध्यात्म की शरण में आने वाले लोगो को पहला सबक सिखाया जाता है, पहला लेसन पढ़ाया जाता है। पहला अध्याय का पहला चैप्टर होता है, अपने को बदलिए। दो दोस्त बात कर रहे थे, एक दोस्त बोला- यार मुनि जी के प्रवचन सुनने के बाद मेरी तो लाइफ बदल गयी। दूसरा बोला बदली होगी तेरी लाइफ, मेरी तो वाइफ बदल गयी। अपने को बदलिए, सामने वाला नहीं बदलेगा। पहला सबक, पहला लेसन, पहला पाठ सबके लिये, अपने को बदलिए। हमारे परिवार में जो तनाव है। उसकी वजह ये है- हम दूसरो को बदलने कि चेष्टा कर रहे है और महावीर ने कहा-दूसरो को बदलने की कुचेष्टा सबसे बड़ी हिंसा है।

    Insaan ghar badalata hai, livaas badalata hai, dost-yaar badalata hai, naate-rishte badalata hai, phir bhee pareshaan hai. kyon? jabaab denge aap. vo isalie ki sab badalata hai, lekin apane ko nahin badalata hai. apane ko badalie. laakh take kee ek baat apane ko badalie. sabase mahatvapoorn baat apane ko badalie. saamane vaala nahin badalega aap apane ko badalie. saamane vaala nahin badalega aur abhee to saas ne kasam kha rakhee ha

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  • दोहरे व्यक्तित्व वाले लोग | Dohare vyaktitv vaale log | Double personality

    दोहरे व्यक्तित्व वाले लोग | Dohare vyaktitv vaale log | Double personality

    दोहरे व्यक्तित्व वाले लोग | Dohare vyaktitv vaale log | Double personality

    ये दोहरा चरित्र नहीं होना चाहिए। मेरा अपना मानना है- धर्मात्मा शास्त्र वो नहीं, जो मंदिरो में रोज पूजा करती है, मंदिरो में रोज स्वाध्याय करती है। धर्मात्मा शास्त्र वो नहीं, जो मुनियों का परिवहन करती है, उन्हें आहार देती है। धार्मिक शास्त्र वो नहीं जो अष्टमी चतुर्दशी को व्रत रखती है बल्कि धर्मात्मा शास्त्र वो है जो बहु और बेटी में फर्क मालूम नहीं डालती है। आज का आदमी दोहरा जीवन जी रहा है। एकांत मयखाने में शराब और समाज में पानी छान कर पी रहा है। मैं निवेदन करूँगा- ये जो दोहरा चरित्र है, एक-एक आदमी सैकड़ो चेहरे की जिंदगी जी रहा है, पत्त्नी के सामने जाता है उसका चेहरा कुछ और होता है, बेटे के सामने जाता है उसका चेहरा कुछ और होता है, नौकर के सामने जाता है उसका चेहरा कुछ और होता है, मालिक के सामने जाता है उसका चेहरा कुछ और होता है, ग्राहक के सामने जाता है उसका चेहरा कुछ और होता है। आदमी का असली चेहरा कौन सा है? यही नहीं मालूम। आज के आदमी का असली चेहरा कौन सा है, यही नहीं मालूम। आदमी ना होकर प्याज हो गया, प्याज का एक छिलका उतारो दूसरा छिलका आ जाता है, दूसरा हटाओ तीसरा छिलका आ जाता है, तीसरा हटाओ चौथा छिलका आ जाता है, छिलके हटाते जाओ छिलके आते जाते है और एक स्थिति ऐसी होती है- कि छिलके ही छिलके होते है, प्याज नाम की कहीं चीज ही नहीं होती है। इसलिए धर्म ने सबसे पहली बात कही- एक चेहरा की जिंदगी जिये आदमी, जो चेहरा मंदिर में हो, वही चेहरा समाज के बीच में होना चाहिए। जो चेहरा समाज में हो, वही चेहरा संतो के सामने होना चाहिए। चेहरे पर चेहरे है, बहुत बहुत गहरे है, अंधे और बहरे है। होली का समय था, एक महिला आठ-दस बच्चो को नहला रही थी एक ही उम्र के आठ-दस बच्चो को नहला रही थी। किसी ने पूछा-बहन जी इतने सारे बच्चे एक ही उम्र के आपके है? मेरा तो एक ही है, मैं रंग धो कर के ये देख रही थी कि मेरा कौन सा है। आज के आदमी की भी यही हालत हो गयी है, आज के इंसान की भी यही हालत हो गयी। आदमी असली चेहरा भूल गया है। धर्म इस बात पर जोर देता है- एक चेहरे की जिंदगी आदमी जिये, बहुरुपिया न बने। हो सके तो मायाचारी की आर्जव भरो। राम राम जपना पराया माल अपना की कुटिल नीति है तुम्हारी, मुख में राम बगल में छुरी की कुटिल नीति है तुम

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  • स्वभाव बदलना आवश्यक है | Svabhaav badalana aavashyak hai | Nature must change

    स्वभाव बदलना आवश्यक है | Svabhaav badalana aavashyak hai | Nature must change

    स्वभाव बदलना आवश्यक है | Svabhaav badalana aavashyak hai | Nature must change

    ये परिवर्तन के क्षण है अपने को बदलिए, अपने स्वभाव को बदलिए, अपने नेचर को बदलिए। ये माताये बहने बैठी है, बहुत अच्छी है, बहुत ही अच्छी है। आज का जमाना वो है ना, ऊपर से लेकर नीचे तक एक जैसा दिखना, मैचिंग का जमाना है। मैं मैचिंग के खिलाफ नहीं बोलूंगा आपकी मर्जी है मैं मैचिंग के खिलाफअपना वक्तव्य नहीं दूंगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि वस्त्र आभूषणों के साथ अपने स्वभाव को भी ऐसा बनाओ कि वो कही भी मैच कर जाए। स्वभाव की भी मैचिंग होना चाहिए। अपने स्वभाव को भी ऐसा बनाओ, वो कही भी मैच कर जाए। स्वभाव की मैचिंग भी तो जरुरी है। अगर स्वभाव की मैचिंग आपने नहीं की तो आपको बहुत परेशानी होगी। दो अम्माए, दो बुढ़ियाये, छटी-छटाई बुढ़ियाये बात कर रही थी। एक बुढ़िया ने दूसरी से कहा- बहन मेरी तो किस्मत ही खराब है। बोले क्या हुआ? बोली-जब मैं बहू थी, तो मुझे सास अच्छी नहीं मिली। अब जब मैं सास हूँ तो मुझे बहू अच्छी नहीं मिली। पर मैं आपसे निवदेन इतना करूँगा स्वभाव को नहीं बदलोगे तो ये शिकायत जिंदगी भर रहेगी। मुझे सास अच्छी नहीं मिली और मुझे बहू अच्छी नहीं मिली।अच्छी सास मिलने या अच्छी बहू मिलने से पहले खुद को अच्छा बनना पड़ता है। अगर अपन अच्छे है तो सास भी अच्छी मिलेगी और बहू भी अच्छी मिलेगी। और अपन बुरे है तो गयी भैस पानी में। जब अपन ही बुरे है तो ना बहू अच्छी मिलने वाली है, ना सास अच्छी मिलने वाली है, ना पति अच्छा मिलने वाला है, ना पत्त्नी अच्छी मिलने वाली है। कोई अच्छा मिलने वाला नहीं है। एक अम्मा मेरे पास आयी, बोली-मुनि जी मैंने तय कर लिया है, मैं घर द्वार परिवार छोड़ कर के आपके साथ चलूंगी। अरे मैंने कहा बाप रे बाप ऐसा क्या हुआ। बोले-मुनि जी पति से मेरी बनती नहीं है, बेटो से मेरी बनती नहीं है, बहू से मेरी बनती नहीं है, नौकरो से मेरी बनती नहीं है। इसलिए मैंने तय कर लिया है मैं सब कुछ छोड़ कर आपके साथ चलूंगी। मैंने कहा-अम्मा पति से तेरी बनती नहीं है, बेटो से तेरी बनती नहीं है, बहू से तेरी बनती नहीं है, नौकरो से तेरी बनती नहीं है तो तरुणसागर से बन जाएगी इसकी क्या गॉरन्टी है। इसलिए आपसे गुजारिश करूंगा- स्थान बदलने से कुछ नहीं होगा स्वभाव को बदलिए, स्कूल बदलने से कुछ नहीं होगा क्लास बदलिए, स्कूल तो गधा भी बदल लेता ह

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  • मन की शांति | Mann kee shanti | Peace of mind

    मन की शांति | Mann kee shanti | Peace of mind

    मन की शांति | Man kee shaanti | Peace of mind

    सवाल यही से शुरू होता है आज के आदमी के गले में सोने की चैन तो है लेकिन जिंदगी में चैन नहीं है, न दिन में चैन न रात में चैन फिर भी हम जैन। आज के आदमी के गले में चैन है पर जिंदगी में चैन नहीं है ऐसा क्यों हुआ ? सवाल हमारे सामने खड़ा होता है ऐसा क्यों हुआ। भोजन में सब कुछ हो नमक न हो तो भोजन बेकार है, कार में सब कुछ हो ब्रेक न हो तो कार बेकार है, अस्पताल में सब कुछ हो डॉक्टर न हो अस्पताल बेकार है, मंदिर में सब कुछ हो मूर्ति न हो तो मंदिर बेकार है, जीवन में सब कुछ हो मन की शांति न हो तो जीवन बेकार है। इसीलिए जीवन में मन की प्रसन्नता पहली शर्त है, जीवन में मन की शांति पहली शर्त है। पत्त्नी ने पति से कहा - सुनो जी मैं मंदिर जारी हूँ पंडितजी से पूछूँगी घर में शांति के लिए मै कौनसा सा व्रत रखू, पति बोला पंडित जी से पूछने की कोई जरूरत नहीं है मौन व्रत रख लो घर में शांति हो जायगी। आपसी जीवन के लिए जीवन के परिवर्तन जीवन की समृद्धि के लिए एक वक्तव्य याद रखना मन की शांति के लिए पैसे का सुख से कोई तालुकात नहीं है, पैसे का मन की शांति से कोई तालुकात नहीं है पैसा सुविधा है, सुख नहीं। दुनिया का बड़ा से बड़ा आदमी जिसको सारी दुनिया समझती है बहुत सुखी है, उस बड़े से बड़े अमीर के साथ 24 घंटे रह जाओ तो समझ में आ जायगा वो कितना दुखी है और हमारे जैसे संत जिनके पास कुछ भी नहीं है 24 घंटे हमारे साथ रह जाओ तो समझ आ जायगा ये कितने सुखी है।

    Savaal yahee se shuroo hota hai aaj ke aadamee ke gale mein sone kee chain to hai lekin jindagee mein chain nahin hai, na din mein chain na raat mein chain phir bhee ham jain. aaj ke aadamee ke gale mein chain hai par jindagee mein chain nahin hai aisa kyon hua ? savaal hamaare saamane khada hota hai aisa kyon hua. bhojan mein sab kuchh ho namak na ho to bhojan bekaar hai, kaar mein sab kuchh ho brek na ho to kaar bekaar hai, aspataal mein sab kuchh ho doktar na ho aspataal bekaar hai, mandir mein sab kuchh ho moorti na ho to mandir bekaar hai, jeevan mein sab kuchh ho man kee shaanti na ho to jeevan bekaar hai. iseelie jeevan mein man kee prasannata pahalee shart hai, jeevan mein man kee shaanti

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  • शांत और चरित्रवान व्यक्ति। Shaant aur charitravaan vyakti | A person of calm and character.

    शांत और चरित्रवान व्यक्ति। Shaant aur charitravaan vyakti | A person of calm and character.

    शांत और चरित्रवान व्यक्ति। Shaant aur charitravaan vyakti | A person of calm and character.

    अगर आप अपनी शादी के बारे में सोच रहे है, युवाओ से मैं ये कहूंगा- अगर आप अपनी शादी के बारे में सोच रहे हो, तो जिसको आप अपनी पत्त्नी बनाने जा रहे हो, वो रंग रूप में आपसे उन्नीसा होना चाहिए, इक्कीसा नहीं होना चाहिए। आपसे रंग रूप में काठ कद में उन्नीसा होना चाहिए इक्कीसा नहीं होना चाहिए। क्यों? वो इसलिए, क्योंकि आपने अपने से रंग रूप में इक्कीसा लड़की से विवाह किया तो कल को उसे लेकर आप किसी पार्टी में जाओगे, तो लोग उसे ही देखेंगे तो भोंदू तुम्हे कौन देखेगा? अरे बाबा मैं सही बोल रहा हूँ इसीलिए कड़वे ना। कड़वा सच कड़वा होता है ना, इसीलिए प्रवचन कड़वे है। जीवन में एक ही वक्तव्य याद रखना चाहिए, रंग रूप चार दिन पसंद किया जाता है बाद में व्यक्ति का स्वभाव ही पसंद किया जाता है। और गोरे रंग की लड़की चार दिन पसंद की जाएँगी। आपकी पत्त्नी गोरी है, रंग गोरा है, तो याद रखना, गोरा रंग चार दिन पसंद किया जायेगा बाद में आदमी का स्वभाव ही पसंद किया जाता है। इसलिए आपसे निवेदन करना चाहता हूँ शांत स्वभाव वाले पति की पत्त्नी रात के घडी में नौ बजते ही बार बार घड़ी देखती है, अब तक नहीं आये। रात के घडी में नौ बजते ही शांत स्वभाव वाले पति की पत्त्नी बार बार घड़ी की ओर देखती है अब तक नहीं आये। और गुस्सैल स्वभाव वाले पति की पत्त्नी भी घड़ी देखती है लेकिन रात के नौ बजे की नहीं, सुबह के नौ बजे की, अब तक नहीं गए, नौ बज गए अब तक नहीं गए। बच्चे कहते है- मम्मी पापा कब जायेंगे। दोनों में फर्क समझ लेना शांत स्वभाव वाले पति की पत्नी भी घड़ी देखती है, गुस्सैल स्वभाव वाले पति की पत्त्नी भी घड़ी देखती है लेकिन एक रात के नौ बजे की घड़ी देखती है और एक। आप क्या चाहते है? आपकी पत्त्नी घड़ी देखे किस समय देखे? बोलो? रात के नौ बजे वाली तो याद रखिये, स्वभाव को शांत बनाईये।

    Agar aap apanee shaadee ke baare mein soch rahe hai, yuvao se main ye kahoonga- agar aap apanee shaadee ke baare mein soch rahe ho, to jisako aap apanee pattnee banaane ja rahe ho, vo rang roop mein aapase unneesa hona chaahie, ikkeesa nahin hona chaahie. aapase rang roop mein kaath kad mein unneesa hona chaahie ikkeesa nahin hona chaahie. kyon? vo isa

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  • ईश्वर का धन्यवाद करें | Ishvar ka dhanyavaad karen | Thank god

    ईश्वर का धन्यवाद करें | Ishvar ka dhanyavaad karen | Thank god

    ईश्वर का धन्यवाद करें | Ishvar ka dhanyavaad karen | Thank god

    दो तरह की कसौटी आदमी अपने पास रखता है, आपका बच्चा डॉक्टरी करके घर आता है तो आदमी बहुत छाती तान के कहता है, दिन रात एक कर दिया तब जाकर ये डॉक्टर बना है अगर आदमी को खुद को नुकसान हो जाये तो कहता है ऊपर वाला बड़ा अन्याय करता है और अगर पड़ोसी को कोई नुकसान हो जाये तो कहता है पाप का घड़ा एक दिन फूटना ही था, ये क्या हो रहा है। आपसे निवेदन करूँगा जीवन के लिए जीवन के परिवर्तन, जीवन की समृद्धि के लिए, जीवन के कल्याण के लिए एक वक्तव्य याद रखिये धर्म को पहले रखिये धन को बाद मे रखिये पैसा भी जरुरी है, गृहस्थ जीवन में, परिवार जीवन में, सांसारिक जीवन में पैसा भी जरुरी है लेकिन, पैसे के खातिर धर्म को नजरअंदाज मत करो दुकान जाने से पहले, ऑफिस जाने से पहले चार कदम चलकर मंदिर जाओ, माथा टेको, घुटने टेको, हाथ जोड़ो और कहो - प्रभु मै तुझे धन्यवाद देता हूँ कि तूने एक सुबह का सूरज मुझे और दिखाया, लाख-लाख धन्यवाद है, क्योकि बहुत सारे लोग रात में दस बजे आते है जय जिनेन्द्र की थी, गुड नाईट कह कर विदा किया था, लेकिन सुबह मालूम पड़ा वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। सुबह जिनसे मिलने का आपने प्रॉमिस किया था लेकिन सुबह जब हुई तब आपको मालूम पड़ा अब वो इस दुनिया में नहीं रहे। तो एक सूर्य देखने को मिलता है तो पहले धन्यवाद दो। घुटना टेको, माथा टेको, हाथ जोड़ो और धन्यवाद दो कि मेरे मालिक तू कितनी करुणा वर्षाता है, कितनी दया दिखाता है मुझे मेरी पात्रशस्य से भी ज्यादा मुझ पर लुटाता है और कहो मेरा नाथ तू है, बोलो रात सोने से पहले बोलो शरणागति, गीता में जिसको शरणागति कहा - प्रभु की शरण में अपने आप को समर्पित करो। जैन धर्म में कहा है - चतारिक शरण पूजयामि अर्हंतो शरण पूजयामि, अरिहंत भगवान् की शरण को में प्राप्त होता हूँ। सोते वक्त, सोने से पहले कहो मेरा नाथ तू है दुनिया में हूँ अकेला पर मेरे साथ तू है, इतना तो बोल सकते है, बहुत लम्बी चौड़ी प्रार्थना तो नहीं है 50 सेकंड कि प्रार्थना है इतना तो कर ही सकते है।

    Do tarah kee kasautee aadamee apane paas rakhata hai, aapaka bachcha doktaree karake ghar aata hai to aadamee bahut chhaatee taan ke kahata hai, din raat ek kar diya tab jaakar ye doktar bana hai agar aadamee ko khud ko nukasaa

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  • ढोंग का जीवन जीना, दोहरी बातें करना। Dhong ka jeevan jeena, doharee baaten karana.

    ढोंग का जीवन जीना, दोहरी बातें करना। Dhong ka jeevan jeena, doharee baaten karana.

    ढोंग का जीवन जीना, दोहरी बातें करना। Dhong ka jeevan jeena, doharee baaten karana. | Live a life of hypocrisy, double talk.

    जीने की कला इसीलिए मैं आपसे निवदेन करना चाहूँगा धम, चहेरे का रंग नहीं बदल सकते कुदरत की तरफ से जो रंग मिलना था मिल गया जो माँ बाप मिलने थे मिल गए जो बेटा बेटी मिलने थे मिल गए जो पति पत्त्नी मिलने थे मिल गए हम नहीं बदल सकते हम जीवन मे चहेरे का रंग नहीं बदल सकते। कहने वालो ने कहा कि हम जीने का, हम जीवन में, हम चेहरा का रंग नहीं बदल सकते लेकिन जीने का ढंग तो बदल सकते है जीने का ढंग बदलिए, अभी तो आदमी ढंग का नहीं ढोंग का जीवन जी रहा है। एक इंसान ने कोयल से पूछा - एक इंसान ने कोयल से कहा तुम काली ना होती तो कितना अच्छा होता, फिर उसने सागर से कहा - अगर तेरा पानी खारा ना होता तो कितना अच्छा होता, फिर गुलाब से कहा - अगर तुझमें कांटे ना होते तो कितना अच्छा होता, फिर तीनो ने मिल कर इंसान से कहा ऐ इंसान अगर तुझमें दूसरों की बुराई ढूढ़ने की आदत ना होती तो कितना अच्छा होता। यही हो रहा है हम ढंग का नहीं ढोंग का जीवन जी रहे है आज का आदमी ढंग का नहीं ढोंग का जीवन जी रहा है जो होता नहीं है वो दिखाने की कोशिश करता है जिसको महावीर ने कहा आदमी प्रदर्शन का जीवन जी रहा है। महावीर के शब्दों में कहूं तो उन्होंने कहा आज की दुनिया प्रदर्शन का जीवन जी रही है दिखावे कि ज़िन्दगी जी रही है। मैं आपसे निवेदन करूँगा चार जोड़ कपड़ो से ज़िन्दगी चला लेना लेकिन ऋण ले कर के झूटी शान शौकत दिखाने की कभी कोशिश मत करना। अरे कल तक ज़िन्दगी मौन से चलती थी अगर जीवन मे कोई कमी होती थी आदमी शांत हो जाता था अगर ज़िन्दगी में कोई आभाव होता था तो आदमी चुप हो जाता था उसको स्वीकार करता था कल तक ज़िन्दगी मौन से चलती थी आज ज़िन्दगी लोन से चल रही है लोन ले ले कर के पूरा घर भर गया। 20 लाख की गाड़ी भी ले आये, 50 लाख की कार भी ले आये लोन-लोन 50 हज़ार की क़िस्त चुकाना है, घर भर गया अब जाकर पूछो, अब तो तुम सुखी होगे बोले नहीं, क्यों? किस्ते चुका रहा हूँ और किस्ते चुकाते-चुकाते एक दिन आदमी खुद ही चूक जाता है।

    Jeene kee kala iseelie main aapase nivaden karana chaahoonga dham, chahere ka rang nahin badal sakate kudarat kee taraph se jo rang milana tha mil gaya jo maan baap milane the mil gae jo bet

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  • जीवन जीने की कला सीखें | Jeevan jeene kee kala seekhen | Learn the art of living

    जीवन जीने की कला सीखें | Jeevan jeene kee kala seekhen | Learn the art of living

    जीवन जीने की कला सीखें | Jeevan jeene kee kala seekhen | Learn the art of living

    जिंदगी में हमेशा खुश रहो, हँसते रहो, मुस्कुराते रहो, गाते रहो, गुनगुनाते रहो ताकि वक़्त पूरा करना है, ताकि किसी को पता ना चले कि तुम शादी-शुदा हो। गलत बोला क्या मैंने? याद रखिये जीवन में एक वक्तव्य तक याद रखिये। जीवन में दुःख आ गया, कष्ट आ गए, परेशानी आ गयी, तकलीफे आ गयी, चिंताए आ गयी। क्यों आयी? सवाल प्रश्नवाचक चिन्ह? ये समस्याएं क्यों आयी? इसलिए हमें दुनिया में रहकर जीना नहीं आया, सब आया जीना नहीं आया, जीने की कला हमें नहीं आयी। जीने की कला। विद्यार्थियों से टीचर ने पूछा, बच्चो बताओ तुम्हे कौन सी कला पसंद है? एक विद्यार्थी ने कहा- समझे नहीं। टीचर ने कहा- हस्तकला पसंद है या नृत्यकला पसंद है या लेखनकला पसंद है या संगीतकला पसंद है। तुम्हे कौन सी कला पसंद है? बच्चे ने कहा- सर मुझे तो वो क्लास की अंतिम बैंच पर बैठी जो शशिकला है वो पसंद है। मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूँ जीने की कला इस दुनिया में रहते हुए, घर में रहते हुए, परिवार में रहते हुए, जब समाज में रहते हुए, या संसार में रहते हुए, आदमी को जीने की कला आनी चाहिए और जीने की कला सिर्फ ये है कि जिंदगी में सुख आये तो हँस लो और जिंदगी में दुःख आये तो है हँसकर उड़ा दो। जीने की कला- जीवन में सुख आये तो है हँस लेना और जीवन में कभी दुःख आये तो है हँसकर उड़ा देना। दुःख तो आएंगे। जनबाग प्रवचन में मैंने कहा था- बड़ा ढीठ मेहमान है दुःख बड़ा ढीठ मेहमान है, अगर ये आपके घर की तरफ चल दिया है तो आएगा। दुःख अगर आपकी तरफ चल पड़ा है आएगा। अगर दुःख को सामने से आता हुआ देख करके दरवाजा बंद कर लोगे तो पीछे के दरवाजे से आ जायेगा। दुःख आएगा, सामने का दरवाजा बंद कर लो तो पीछे के दरवाजे से आएगा। पीछे का दरवाजा भी बंद कर लो खिड़कियों से आएगा, खिड़कियों को भी बंद कर लो तो वो पानी निकलने की मोरी होती है ना, उससे आएगा। उसको भी बंद कर लो तो छत को फाड़कर के, फर्श को उखाड़ कर के आएगा, आएगा हर हाल में आएगा, ढीठ मेहमान है आएगा हर हाल में आएगा, इसलिए जीवन में सुख आये तो हँस लेना और जीवन में दुःख आये तो हँस कर उड़ा देना यही जीने की कला है।

    Jindagee mein hamesha khush raho, hansate raho, muskuraate raho, gaate raho, gunagunaate raho taaki vaqt poora karana hai, taaki

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  • बाप को बाप होने का हक नहीं है। जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।

    बाप को बाप होने का हक नहीं है। जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।

    बाप को बाप होने का हक नहीं है। जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।
    Baap ko baap hone ka hak nahin hai. jaanane ke lie veediyo ko poora dekhe.
    The father does not have the right to be a father. Watch the full video to know.

    तुमको पीना है तो बाहर जाकर पीयो! एक बात याद रखना यदि कोई बाप अपने बच्चे से पीने के लिए सिगरेट मंगाता है पान की दूकान से। तो मैं कहता हूँ उस बाप को बाप होने का कोई हक नहीं हुआ करता है। क्या शिक्षा दे रहा है वो अपने बच्चे को, क्या सीखा रहा है अपने आने वाली पीड़ी को। आज बच्चा तुम्हारे लिए सिगरेट लेने जा रहा है, कल बच्चा खुद के लिए सिगरेट लेने जायेगा। मैं तो आपसे इतना निवेदन करता हूँ, यदि बाप बनने की औकात ना हो तो आदमी को शादी नहीं करना चाहिए, ध्यान रखना। विवाह करने के बाद किसी का जीवन उजाड़ना, बच्चो का भविष्य बिगाड़ना, ये जिंदगी है आदमी की। मान्यवर ध्यान रखिये! उस आदमी ने मुझे बताया, कि महाराज मैं घर में शराब लाने लगा। पत्त्नी ने बहुत रोका कि मत करो तुम, लेकिन मैं नहीं माना ! मेरा अहंकार ! अबला नारी क्या करेगी, बेचारी के टप-टप आँसू बहा सकती है, दीवार कि तरफ मुँह करके रो सकती है। मैं आपसे निवेदन कर रहा हूँ, कि जिसका पति शराब पीता है ना, वो औरत सुहागिन होकर भी विधवा कि जिंदगी जीया करती है। ध्यान रखना ! उसकी आँखों से आँसू नहीं, खून के आँसू बहा करते हैं। क्या चाहती है एक औरत, कि मेरा पति इज्जत कि जिंदगी जीये! अरे अच्छा खिलाये पिलाये ना करे, गरीबी के दिन आ जाए लेकिन शराबी पति नहीं होना चाहिए हमारा। ध्यान रखना ! मान्यवर ! उस आदमी ने कहा- मेरी पत्त्नी ने बहुत विरोध किया। एक दिन पत्त्नी ने कहा- मैं चली तुम्हारा घर छोड़कर। बोले - मैं नशे में था, मैंने कहा इसी वक़्त निकल जा यहां से। उसने बच्चे उठाये, अटैची उठायी, घर छोड़कर चली गयी पीहर। और जैसे ही घर गयी, मैंने कहा-चलो रस्ते का कांटा अलग हुआ। महाराज ! मेरी अय्याशी इतनी बढ़ी कि मेरे यार दोस्त अब घर में आके शराब पीने लगे, बोतले खुलने लगी घर में और हम चारो पांचो दोस्त मिलकर शराब पी रहे थे, दरवाजा बंद करके, कि जोर से दस्तक आयी आवाज आयी, दरवाजे को किसी ने खट-खट किया, मैंने कहा- कौन है। आवाज नहीं आयी। दरवाजा खोलकर देखा तो मेरी पत्त्नी बच्चो को लिए खड़ी थी। मैंने कहा कि तू क्यों लौट आयी इस घर में वापिस। बोली

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  • जीवन शैली कैसी होनी चाहिए? मरना तो एक दिन सबको ही है।

    जीवन शैली कैसी होनी चाहिए? मरना तो एक दिन सबको ही है।

    जीवन शैली कैसी होनी चाहिए? मरना तो एक दिन सबको ही है।
    Jeevan shailee kaisee honee chaahie? marana to ek din sabako hee hai.
    What should be the lifestyle? Everyone has to die one day.

    और मैं आज जो प्रवचन कर रहा हू, मैं नहीं चाहता कि कोई समाज का व्यक्ति कुत्ते की मौत मरे। मरना है तो अरिहंतो की मौत मरो और संतो की मौत। मरना तो है ही जिंदगी में। ये डॉक्टर साहब बैठे हैं हमारे, अध्यक्ष नंबर ३ के, सिगरेट पीते थे, एक हटी नहीं कि दूसरी आ गयी। बिना सिगरेट के काम नहीं, अगरबत्ती का ठिकाना नहीं, ये ही अगरबत्ती चढ़ती थी। अब सिगरेट क्या है बीड़ी क्या है, एक बात और बताइये ! सिगरेट में एक तरफ तो आग जलती रहती है दूसरी तरफ फ़िल्टर लगा होता है, है ना। अब एक बात बताओ उस सिगरेट को आदमी मुँह में लगाता है, मैंने कहा यार ये क्या जिंदगी है कि आदमी जलती हुई सिगरेट मुँह में लगाता है मुँह में लगाने का मतलब है - "मुखाग्नि"। अब ये अवसर तो लड़के को दो। तुम काहे को अपने हाथ से अपनी जिंदगी को मुखाग्नि देते हो, काहे को अपनी जिंदगी को जला रहे हो, बर्बाद कर रहे हो। डॉक्टर साहब ने बताया उनकी एक बेटी है, पुणे में डॉक्टर हैं वो भी। उसने एक दिन डॉक्टर साहब से कहा - पापा मरना तो एक दिन सबको है, आज मरो या कल मरो, मरना तो हैं ही लेकिन पापा मैं चाहती हूँ, मृत्यु तो एक दिन आपकी भी होगी लेकिन मैं चाहती हूँ कि मेरे पापा ऐसे ना मरे कि पलंग पर तड़प-तड़प कर उन्हें मरना पड़े, मैं चाहती हूँ कि इज्जत की मौत उनकी मौत होनी चाहिए। पापा आज के बाद सिगरेट मत पीना। डॉक्टर साहब ने मुझे बताया- उस दिन से सिगरेट फेंक दी और आज तक जीवन में सिगरेट को हाथ नहीं लगाया।

    Aur main aaj jo pravachan kar raha hoo, main nahin chaahata ki koee samaaj ka vyakti kutte kee maut mare. marana hai to arihanto kee maut maro aur santo kee maut. marana to hai hee jindagee mein. ye doktar saahab baithe hain hamaare, adhyaksh nambar 3 ke, sigaret peete the, ek hatee nahin ki doosaree aa gayee. bina sigaret ke kaam nahin, agarabattee ka thikaana nahin, ye hee agarabattee chadhatee thee. ab sigaret kya hai beedee kya hai, ek baat aur bataiye ! sigaret mein ek taraph to aag jalatee rahatee hai doosaree taraph filtar laga hota h

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  • मनुष्य अपने पुरुषार्थ को कैसे जगा सकता है? जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।

    मनुष्य अपने पुरुषार्थ को कैसे जगा सकता है? जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।

    मनुष्य अपने पुरुषार्थ को कैसे जगा सकता है? जानने के लिए वीडियो को पूरा देखे।
    Manushy apane purushaarth ko kaise jaga sakata hai? janane ke lie video ko poora dekhe.
    How can man awaken his effort? Watch the full video to know.

    अपने रोल को सही तरीके से निभाना खेल नहीं है। रोल को बिगाड़ देना सरल है, रोल को निभाना कठिन। अपने स्वरुप बोध के साथ जीवन में गठित प्रसंगो को क्षमता से जीना इससे बड़ा पुरुषार्थ और क्या होगा? इसीलिए सच्चा पुरुषार्थ सही से जानो ! अँधेरे में लठ चलाने का नाम पुरुषार्थ नहीं हैं, अँधेरे को भगाने का नाम पुरुषार्थ है। अब वो लठ चलाकर के अँधेरा भगाना चाहे, क्या कहेंगे? जिंदगी हो जाएगी लठ, अँधेरा लठ से नहीं भगेगा। अँधेरा कैसे भगेगा? दिया जलाने से भगेगा। वो दिया एक पल में जलेगा और एक पल में अँधेरा छटेगा। अंदर का दिया जलाओ, सद्ज्ञान के आलोक में जीवन जीयो और जो भूमिका तुम्हे मिली है, जो अदा तुम्हे मिली है, उसे निभाओ और दुनिया से विदा हो जाओ।

    Apane rol ko sahee tareeke se nibhaana khel nahin hai. rol ko bigaad dena saral hai, rol ko nibhaana kathin. apane svarup bodh ke saath jeevan mein gathit prasango ko kshamata se jeena isase bada purushaarth aur kya hoga? iseelie sachcha purushaarth sahee se jaano ! andhere mein lath chalaane ka naam purushaarth nahin hain, andhere ko bhagaane ka naam purushaarth hai. ab vo lath chalaakar ke andhera bhagaana chaahe, kya kahenge? jindagee ho jaegee lath, andhera lath se nahin bhagega. andhera kaise bhagega? diya jalaane se bhagega. vo diya ek pal mein jalega aur ek pal mein andhera chhatega. andar ka diya jalao, sadgyaan ke aalok mein jeevan jeeyo aur jo bhoomika tumhe milee hai, jo ada tumhe milee hai, use nibhao aur duniya se vida ho jao.

    Playing your role properly is not a game. It is easy to spoil the role, hard to play the role. What would be greater effort than to live up to the events formed in life with a sense of self? That's why know true effort The name of running sticks in darkness is not effort, the name of driving darkness is effort. Now he wants to drive away the darknes

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  • कैसे हम अपने जीवन को आध्यात्मिकता से सफल बना सकते हैं?

    कैसे हम अपने जीवन को आध्यात्मिकता से सफल बना सकते हैं?

    कैसे हम अपने जीवन को आध्यात्मिकता से सफल बना सकते हैं?
    Kaise ham apane jeevan ko aadhyaatmikata se saphal bana sakate hain?
    How can we make our life successful spiritually?

    आग में घी डालते रहो और सोचो की बुझे कहाँ संभव है आपको तो अपनी महत्वकांक्षा को बदलना ही पड़ेगा। अपनी सोच में आध्यमिकता को प्रतिस्थापित करना होगा। जब तक सोच में आध्यमिकता प्रतिस्थापित नहीं हो जाती, हमारा चिंतन नहीं बदल जाता। हम अपने जीवन मैं कारगर उपलब्धि गठित नहीं कर सकते तो हमे चाहिये जीवन में एक अध्यात्म कि भावना जगाये और वो जगेगी तभी जब हमारे अंदर यथार्त का भाव जग जाये। एक बार यथार्त को समझने कि कोशिश कर लो। बुद्ध ने अपने जीवन में एक वृद्धा, एक रोगी, एक वृद्ध और एक मृतक को देखा। बुद्ध प्रबुद्ध हो गए देखा ना इतना ही ना क्या हर कोई बीमार होता हैं मुझे भी बीमार पड़ना पड़ेगा हाँ ये तो संसार हैं। हर कोई वृद्ध होता हैं मुझको भी होना पड़ेगा बोले हाँ आपको भी होना पड़ेगा और हर कोई मरता हैं क्या मुझे भी मरना पड़ेगा सारथी मौन हो गया था, बुद्ध समझ गए थे और तभी उन्होंने अपने आप को अजर-अमर बनाने का रास्ता अंगीकार कर दिया। तो यही सोच हमको अपने भीतर दिखानी होगी जीवन की वास्तविकता को समझिए लेकिन ज्यादातर लोग जानके अनजान बने हैं खुद कितनी बार अस्पताल घूमआये तो भी समझ में नहीं आती। एक बड़ी विचित्र घटना घाटी एक सज्जन जो अस्पताल में बहुत गंभीर रूप से बीमार हुए और 17 दिन तक वेंटिलेटर पर रहे कृतिम श्र्वास कृत्रिम प्रणाली पे रहे लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रहे 17 दिन तक, उम्र उस व्यक्ति की 62 साल की थी लौट कर आया और आज आपके आशीर्वाद से बच गए। हमने कहा, बहुत अच्छा सौभाग्य हैं तुम्हारा तुम बच गए और अब एक काम कर लो बची जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए कुछ संकल्प ले लो। हाँ महाराज, अभी बस की नहीं हैं वही माया मोह में लग गया मौत को इतने निकट से देख लेने के बाद भी जो अपने जीवन को बदलने के लिए तैयार नहीं, समझना उस मनुष्य का संसार बहुत लंबा हैं। उस मनुष्य का संसार अभी बहुत लंबा हैं वो बदलने वाला नहीं हैं तो हमें ठीक तरीके से चीजे समझने की जरूरत हैं जीवन के यथार्त को समझो कितनी बार बीमार पड़ते हो बीमार पड़ने के बाद वैराग्य जगना चाहिए, बुढ़ापा आ जाये तो बाल काले करवाते हो और बत्तीसी लगवाते हो उम्र बढ़ने के बाद भी मन की तृष्णा क

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  • दोस्त कैसे होने चाहिए? जानने के लिए वीडियो को पूरा जरूर देख।

    दोस्त कैसे होने चाहिए? जानने के लिए वीडियो को पूरा जरूर देख।

    दोस्त कैसे होने चाहिए? जानने के लिए वीडियो को पूरा जरूर देख।
    dost kaise hone chaahie? jaanane ke lie veediyo ko poora jaroor dekh.
    How should friends be? To know, watch the video completely.

    ऐसी दोस्ती मत करना, आपसे निवेदन हैं यदि सच्चा और अच्छा दोस्त न मिले बिना दोस्त के जिंदगी गुज़ार देना, लेकिन गलत आदमी को अपने जीवन में कभी दोस्त मत बनाना। एक बात बताओ आदमी को सिगरट पीना कौन सिखाता हैं, मम्मी पापा? मै तो कहता हूँ जो बाप सिगरट पिता हैं ना वो भी चाहता हैं कि मेरा बेटा सिगरट ना पिए याद रखना। एक शराबी भी चाहता हैं कि मेरा बेटा शराब ना पिए। एक नशा करने वाला भी यही चाहता हैं कि मेरा बेटा नशा नहीं करना चाहिए। यदि नशा अच्छी चीज होती तो एक शराबी अपने बेटे को शराबी बनाना क्यों नहीं चाहता हैं, उसको सिगरट पिलाना क्यों नहीं चाहता हैं सोचना हैं आपको। ये बहुत बुरी चीज हैं, शराब बहुत खराब हैं मेरे भाई याद रखना। कौन सिखाता हैं ये शराब पीना, कौन सिखाता हैं ये सिगरट हाथो में रखना, दोस्त सिखाते हैं ध्यान रखना, ना पत्त्नी से अवगुण आता हैं ना माँ बाप से आता हैं ना रिश्तेदारों से ये बुराइयाँ आती हैं दोस्तों से ध्यान रखिये। मै आपसे निवेदन करता हूँ ऐसी संगती से दूर रहिये क्योंकि जैसी संगती होती हैं वैसी आदमी की मति हुआ करती हैं और जैसे दोस्त होते हैं वैसा उसका जीवन हुआ करता हैं। मैंने आपसे एक दिन और कहा था ना किसी आदमी के चरित्र को पहचानना हैं तो उसकी खानदान कभी मत देखना किसी आदमी के चरित्र को पहचानना हैं उसकी डिग्री मत देखना किसी आदमी के चरित्र का परिचय लेना हैं उसके रिश्तेदार मत देखना, उसका मकान मत देखना, उसकी दुकान मत देखना, आदमी का असली चरित्र यदि पता करना हैं तो उसके दोस्त देखना उसके यार देखना क्योंकि आदमी जैसा होगा वैसे ही दोस्तों की संगती पसंद करेगा ध्यान रखिये मान्यवर यदि आप अच्छे हैं। गलत दोस्तों की संगती आप पसंद नहीं कर सकते हैं ध्यान रखिये। संगती पर विशेष ध्यान देना ये दोस्त माल में तो साथ देते हैं लेकिन मार में कोई भी साथ देने वाला नहीं हैं। उस आदमी से जो जेल का कैदी था मैंने कहा देख जब इन दोस्तों ने तुझे शराब पिलाई जब तू गलत काम करता था, चार-चार दोस्त तेरे आगे पीछे रहते थे। और जब तू पकड़ा गया तो आज सलाखों के भीतर अकेला आकर के बैठा हुआ हैं, कोई भी दोस्त तेरे स

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  • जानिए किस तरह के मनुष्य तिल-तिल करके मौत को प्राप्त करते है?

    जानिए किस तरह के मनुष्य तिल-तिल करके मौत को प्राप्त करते है?

    जानिए किस तरह के मनुष्य तिल-तिल करके मौत को प्राप्त करते है?
    Jaanie kis tarah ke manushy til-til karake maut ko praapt karate hai?
    Know what kind of people achieve death by sesame?

    एक बात याद रखना "ग्लासों में जो डूबे वो फिर न उभरे जिंदगानी में ओर हजारो बह गए इन बोतलों के बंद पानी में। आज जितने लोग नदी तालाब में डूब के नहीं मर रहे उससे ज्यादा लोग शराब में डूब कर मर रहे है। नदी में डूबा आदमी मौत को प्राप्त हो जाता है लेकिन शराब में डूबा आदमी तिल-तिल करके मौत को प्राप्त होता है। जो तुम्हे गलत राहो पर ले जाये वो दोस्त नहीं जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन हुआ करता है। दोस्त वह होता है जो हमारे जीवन से दोषो को समाप्त कर देता है।

    Ek baat yaad rakhana "glaason mein jo doobe vo phir na ubhare jindagaanee mein or hajaaro bah gae in botalon ke band paanee mein. aaj jitane log nadee taalaab mein doob ke nahin mar rahe usase jyaada log sharaab mein doob kar mar rahe hai. nadee mein dooba aadamee maut ko praapt ho jaata hai lekin sharaab mein dooba aadamee til-til karake maut ko praapt hota hai. jo tumhe galat raaho par le jaaye vo dost nahin jeevan ka sabase bada dushman hua karata hai. dost vah hota hai jo hamaare jeevan se dosho ko samaapt kar deta hai.

    One thing to remember: "Those who were immersed in glasses did not emerge again in Jindagani and thousands of them drifted in the closed water. Today, more people are dying than drowning in the river pond. A drowned man succumbs to death but a man drowned in alcohol achieves death by sesame. The one who takes you to the wrong path is not the friend but the biggest enemy of life. A friend is the one who lives with our life. Eliminates defects.


    #pulaksagarjimaharaj #parastv #parastvchannel #parastvlive #jainism #jain #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories #pulak

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  • हमारा मन गलत कार्यो में ही क्यों जाता है?

    हमारा मन गलत कार्यो में ही क्यों जाता है?

    हमारा मन गलत कार्यो में ही क्यों जाता है?
    hamaara man galat kaaryo keor hee kyon jaata hai?
    why our mind goes to wrong things only.

    हमारा मन गलत कार्यो केओर इसलिए जाता है कि जन्म जन्मांतरो के संस्कार गलत कार्यो के प्रति जुड़े हुए है, जैसे हमारे संस्कार होते है वैसी हमारी प्रवत्ति हो जाती है। हमारे पुराने संस्कार ही हमे प्रेरित करते है ओर जैसे संस्कार होते है वैसा ही जीवन होता है।

    Hamaara man galat kaaryo keor isalie jaata hai ki janm janmaantaro ke sanskaar galat kaaryo ke prati jude hue hai, jaise hamaare sanskaar hote hai vaisee hamaaree pravatti ho jaatee hai. hamaare puraane sanskaar hee hame prerit karate hai or jaise sanskaar hote hai vaisa hee jeevan hota hai.

    Our mind goes to wrong actions because the birth rites of birth are related to wrong actions, as our habits become our instinct. Our old rites inspire us and life takes place as it is.


    #pramansagarjimaharaj #parastv #parastvchannel #parastvlive #jainism #jain #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories ##pramansagarji

    हमारा मन गलत कार्यो में ही क्यों जाता है?

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  • प्रतिमा अभिषेक क्यों किया जाता है? | Pratima abhishek kyon kiya jaata hai?

    प्रतिमा अभिषेक क्यों किया जाता है? | Pratima abhishek kyon kiya jaata hai?

    प्रतिमा अभिषेक क्यों किया जाता है?
    Pratima abhishek kyon kiya jaata hai?
    Why is the statue consecrated?

    जिन प्रतिमा का अभिषेक अपने भावों की शुद्धि के लिए करते है न की प्रतिमा की शुद्धि के लिए। अतः जब भी अभिषेक करें अपने भावों को शुद्ध व निर्मल रखें।

    Jin pratima ka abhishek apane bhaavon kee shuddhi ke lie karate hai na kee pratima kee shuddhi ke lie. atah jab bhee abhishek karen apane bhaavon ko shuddh va nirmal rakhen.

    The statue whose consecration is done for the purification of their emotions and not for the purification of the statue. So whenever you anoint, keep your expressions pure and clean.

    #parastv #parastvchannel #parastvlive #lessonno45 #jainism #jain #jaintemple #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #temple #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories

    प्रतिमा अभिषेक क्यों किया जाता है? | Pratima abhishek kyon kiya jaata hai?

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  • गंधोदक किसे कहते है? | Gandhodak kise kahate hai?

    गंधोदक किसे कहते है? | Gandhodak kise kahate hai?

    गंधोदक किसे कहते है?
    Gandhodak kise kahate hai?
    What is sulfur?

    गंधोदक दो शब्दों से मिलकर बना है गंध अथार्त सुगंध और उदक अथार्त जल। भगवान का शरीर सुगन्धित होता है। अतः उनके शरीर से स्पर्शित जल भी सुगंधित हो जाता है। यही पवित्र जल गंधोदक कहलाता है।

    Gandhodak do shabdon se milakar bana hai gandh athaart sugandh aur udak athaart jal. bhagavaan ka shareer sugandhit hota hai. atah unake shareer se sparshit jal bhee sugandhit ho jaata hai. yahee pavitr jal gandhodak kahalaata hai.

    Sulfur is composed of two words: Smell meaning aroma and water means water. The body of God is fragrant. Therefore, the water touched by their body also becomes fragrant. This holy water is called Gandodak.

    #parastv #parastvchannel #parastvlive #lessonno44 #jainism #jain #jaintemple #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #temple #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories

    गंधोदक किसे कहते है? | Gandhodak kise kahate hai?

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  • सूर्योस्त से पहले भोजन क्यों करना चाहिए? | Sooryast se pahale bhojan kyon karana chahiye?

    सूर्योस्त से पहले भोजन क्यों करना चाहिए? | Sooryast se pahale bhojan kyon karana chahiye?

    सूर्योस्त से पहले भोजन क्यों करना चाहिए?
    Sooryost se pahale bhojan kyon karana chaahie?
    Why should you have a meal before sunrise?

    सूर्य के प्रकाश में सूक्ष्म जीवों कि उत्पत्ति नहीं होती, लेकिन सूर्यास्त के बाद सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति होने प्रारम्भ हो जाता है इसलिए सूर्यास्त से पहले भोजन करना चाहिए।

    Soory ke prakaash mein sookshm jeevon ki utpatti nahin hotee, lekin sooryaast ke baad sookshm jeevon kee utpatti hone praarambh ho jaata hai isalie sooryaast se pahale bhojan karana chaahie.

    Micro-organisms do not originate in sunlight, but after sunset, micro-organisms begin to originate, so food should be taken before sunset.

    #parastv #parastvchannel #parastvlive #lessonno43 #jainism #jain #jaintemple #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #temple #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories

    सूर्योस्त से पहले भोजन क्यों करना चाहिए? | Sooryast se pahale bhojan kyon karana chahiye?

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  • मिथ्यात्व को बंध का कारण क्यों कहा है? | Mithyatv ko bandh ka karan kyon kaha hai?

    मिथ्यात्व को बंध का कारण क्यों कहा है? | Mithyatv ko bandh ka karan kyon kaha hai?

    मिथ्यात्व को बंध का कारण क्यों कहा है?
    Mithyaatv ko bandh ka kaaran kyon kaha hai?
    Why is falsehood called the cause of bondage?

    संसार को अपना समझते हुए संसारी पदार्थो से राग-द्वेष और ममत्व भाव करना मिथ्यात्व है। ऐसा करने से कर्मो का बंध होता है। इसलिए मिथ्यात्व को बंध का कारण कहा गया है।

    Sansaar ko apana samajhate hue sansaaree padaartho se raag-dvesh aur mamatv bhaav karana mithyaatv hai. aisa karane se karmo ka bandh hota hai. isalie mithyaatv ko bandh ka kaaran kaha gaya hai.

    Considering the world as yours, it is misconception to make rage and malice with worldly substances. By doing this, there is a bond of karma. Hence falsehood is said to be the cause of bondage.

    #parastv #parastvchannel #parastvlive #lessonno42 #jainism #jain #jaintemple #jains #jaindharm #mahavir #jainmandir #mahavira #bhakti #jaintirth #temple #mahaveer #jainstavan #jaintemples #thoughtoftheday #ekseekh #stayathome #suvichar #dinkiseekh #satyevachan #dinkisuruwaat #jainismbeliefs #jainphilosophy #about #jainism #jainismstories

    मिथ्यात्व को बंध का कारण क्यों कहा है? | Mithyatv ko bandh ka karan kyon kaha hai?

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    Manali Himachal Pradesh | टूरिज्म इंडस्ट्री में खुशी,जन-जीवन अस्त-व्यस्त, मनाली में भारी बर्फवारी

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    Manali Himachal Pradesh | टूरिज्म इंडस्ट्री में खुशी,जन-जीवन अस्त-व्यस्त, मनाली में भारी बर्फवारी

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  • India observes Independence Day with patriotic fervour

    India observes Independence Day with patriotic fervour

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  • आज आएगा UP का Budget, Budget पेश करने से पहले होगी Yogi Cabinet की Meeting | UP Budget 2024-25

    आज आएगा UP का Budget, Budget पेश करने से पहले होगी Yogi Cabinet की Meeting | UP Budget 2024-25

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  • Biolage Deep Treatment Pack Review| Hair Care for dry, frizzy, damaged, colored hair, split ends.

    Biolage Deep Treatment Pack Review| Hair Care for dry, frizzy, damaged, colored hair, split ends.

    Everything about hair care using at home affordable hair treatments for dry, damaged, frizzy hair and color treated hair with hair pack at home is discussed in this video using the Biolage Deep Treatment hair packs/ hair masks. Hair care with DIY deep treatment hair packs by Biolage helped me get soft, smooth, silky hair. They also have hair masks to tame fly-aways, get rid of split-ends and to treat colored hair which are infused with hair foods and hair caring ingredients which I've explained and shared in detail in this video. I’ve shared with you a demo and my review of the Biolage Deep Treatment Pack for hair as well.

    These hair mask treatments help to get deep moisture treatment for natural and colored hair and frizzy or damaged hair as well. You can now take care of damaged hair at home with the following Biolage deep treatment hair masks in India at https://bit.ly/3vrgR28.

    I used the Biolage Ultra Hydrasource Deep Treatment Pack which has Aloe and Spirulina which is a hair mask for dry hair to get moisturised, soft, smooth, manageable and hydrated hair from deep within.

    I’ve also shared with you, a hair treatment for color treated hair at home by using the Biolage ColorLast Deep Hair Treatment Pack for colored hair which has amazing hair care ingredients like Apricot Seeds and Orchid to take care of color treated hair.

    And, a hair mask for Frizzy hair which is the Biolage SmoothProof Deep Treatment Pack which has Camelia and Castor Oil in it, helps to tame fly-aways and frizzy hair. You can now get yourself a hair spa for frizzy and damaged hair at home for just Rs.350 and get a sleep hair look at home.

    I hope that you found this hair care video useful. Let me know how you liked the difference in my hair after using these DIY hair masks.

    Thank you Biolage for giving me an amazing opportunity to collaborate with you and take care of my hair at home!

    #DeepTreatmentPack #BiolageIndia @biolage

    By Neha Desai| 337008 views

  • My interview with Jan Man India

    My interview with Jan Man India

    Here is my interview with Shri Sudhir Raval on Jan Man India Channel.


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    By Mansukh Mandaviya| 819321 views

  • महिलाओं ने Mehandi और Make Up के साथ पूरी की आज के दिन की तैयारी | karwa chauth 2023 puja time

    महिलाओं ने Mehandi और Make Up के साथ पूरी की आज के दिन की तैयारी | karwa chauth 2023 puja time

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  • Amit Shah के बयान पर Congress ने किया पलटवार | Randeep Singh Surjewala | Madhya Pradesh | #dblive

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